मधेपुरा। आंगनबाड़ी केंद्रों में पोशाक के लिए दी गई राशि का वितरण नहीं होने का मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमा में खलबली मच गई है। फर्जी रशीद के बल पर राशि हजम करने की तैयारी कर रहे केंद्रों के मंसूबे पर पानी फिर गया है। एक प्रखंड में तो पोशाक राशि के लिए सेविकाओं से करंट एकाउंट तक खुलवा दिए गए थे।
मामला सामने आने के बाद डीएम ने जिले के सभी 13 परियोजनाओं से पोशाक राशि के लिए दिए गए आवंटन व वितरण सूची की मांग की है। ताकि मामले की जांच की जा सके। मालूम हो कि दैनिक जागरण में पोशाक मिला नहीं, हजम करने की हो रही तैयारी शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर छपने के बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग से जवाब तलब किया है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 के मार्च में पोशाक राशि वितरण के लिए जिले में तीन करोड़ 58 लाख 56 हजार राशि आवंटित की गई थी। इसके तहत सभी 2241 केंद्रों पर 40-40 बच्चों को चार-चार सौ रुपये की दर से पोशाक के लिए दिए जाने थे, लेकिन मार्च में लगे लॉकडाउन के कारण राशि वितरित नहीं की जा सकी, जबकि राशि आंगनबाड़ी सेविकाओं के अकाउंट में दी जा चुकी थी। योजना के तहत जिले के कुल 89 हजार 640 बच्चों को राशि दी जानी थी।
जांच में खुलेगी पोल पोशाक राशि वितरण मामले में कुछ प्रखंडों में अनियमितता हुई है। वितरण की फर्जी रशीद लगाकर राशि गबन करने की कोशिश हुई है। जांच में मामला सामने आएगा। संबंधित अधिकारी की गर्दन फंसेगी। यद्यपि प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। तत्काल सूची की मांग की है ताकि स्थिति साफ हो सके।
कोट पोशाक के लिए कितना रुपये का आवंटन हुआ है। कितने वितरण किए गए हैं। इसकी सूची संबंधित विभाग से मांगी गई है। सूची उपलब्ध होने के बाद जांच की जाएगी। जांच में अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। -मनीष कुमार, जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी, मधेपुरा
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