लखीसराय। सांस लेने में अक्षम कोरोना मरीजों की जान की सुरक्षा को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने दस माह पूर्व प्रथम चरण के कोरोना काल में ही सदर अस्पताल को छह वेंटिलेटर उपलब्ध कराया है। परंतु वेंटिलेटर चलाने के जानकार नहीं रहने के कारण जरूरतमंद कोरोना मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रीय सांसद के प्रयास से सदर अस्पताल से दो वेंटिलेटर स्थानीय निजी क्लीनिक ममता इमरजेंसी हॉस्पिटल को उपलब्ध कराया गया। इधर सदर अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की वेंटिलेटर के अभाव में आए दिन मौत हो रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने राज्य स्वास्थ्य समिति से कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर के विकल्प के रूप में सदर अस्पताल को बाई पेप उपलब्ध कराने की मांग की। जिलाधिकारी की मांग पर एवं राज्य स्वास्थ्य समिति की पहल पर बिहार मेडिकल आधारभूत संरचना लिमिटेड ने सदर अस्पताल को 10 की संख्या में बाई पेप उपलब्ध कराया है।
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चिकित्सक को मिला बाई पेप चलाने का प्रशिक्षण
बाई पेप संचालन को लेकर सदर अस्पताल के मूर्च्छक डॉ. विकास कुमार झा को पटना में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब सांस लेने में अक्षम कोरोना मरीज के शरीर में वेंटिलेटर के विकल्प के रूप में बाई पेप के माध्यम से तेजी से ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर जान बचाई जा सकेगी।
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ए-ग्रेड नर्स को भी मिलेगा बाई पेप संचालन का प्रशिक्षण
प्रशिक्षित डॉ. विकास कुमार झा सदर अस्पताल के ए-ग्रेड नर्स को भी बाई पेप संचालन का प्रशिक्षण देंगे। इससे जरूरतमंद कोरोना मरीजों को हर समय बाई पेप की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
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एक बार में 10 मरीजों को मिल सकती है बाई पेप की सुविधा
सदर अस्पताल को 10 की संख्या में बाई पेप मिलने से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती जरूरतमंद 10 कोरोना मरीजों को एक बार में बाई पेप के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकेगा।
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सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती सांस लेने में अक्षम कोरोना मरीजों के शरीर में अब बाई पेप के माध्यम से तेजी से ऑक्सीजन पहुंचाकर जान बचाई जा सकेगी। बाई पेप वेंटिलेटर का ही विकल्प है। बाई पेप संचालित करना वेंटिलेटर की अपेक्षा आसान है। इसलिए प्रशिक्षित नर्स भी इसे आसानी से संचालित कर सकेंगे।
- नंद किशोर भारती, प्रबंधक, सदर अस्पताल, लखीसराय।
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