बिहार की शाही लीची पे लपलपाया ब्रिटेन, कोरोना काल के बावजूद ब्रिटेन भेजी गई लीची की पहली खेप।

25 May, 2021 11:30 PM | Saroj Kumar 1401

भारत ने बिहार के चर्चित शाही लीची (litchi) की पहली खेप ब्रिटेन को एक्सपोर्ट किया है, जिसकी जानकारी कॉमर्स मंत्रालय ने दिया है। लीची के इस मौसम की पहली लीची को हवाई मार्ग के जरिये सोमवार को ब्रिटैन भेजी गई। बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर और चंपारण जिले तथा उसके आसपास के क्षेत्र में उगाई जाने वाली शाही लीची मुख्य रूप से अपनी खास मिठास और स्वाद के लिये जानी जाती है।  


GI सर्टिफाइड है बिहार का लीची
बिहार का लीची GI यानी किसी खास जगह की पहचान वाला Certified product है, और आपको बता दे जीआई सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट की कीमत थोड़ी अधिक होती है और कोई भी अन्य उत्पादक उसी प्रकार के सामान के लिये बाजार में उस नाम का दुरूपयोग नहीं कर सकता।  जीआई कैटेगरी या सर्टिफिकेशन का उपयोग एक निश्चित क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले कृषि, प्राकृतिक या मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट के लिए किया जाता है, और GI सर्टिफाइड प्रोडक्ट अपने क्वालिटी और विशेषताएं की गारंटी देता है, जो मुख्यत: इसके मूल स्थान के कारण होता है।
  
लीची के अलावा भारत ये प्रोडक्ट भी हैं खास
भारत की दार्जिलिंग चाय, नागपुर का संतरा, तिरुपति लड्डू और कश्मीर का पश्मीना कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें GI का दर्जा मिला हुआ है।  बिहार की शाही लीची को GI प्रोडक्ट का दर्जा सन 2018 में मिला, इससे पहले बिहार के जर्दालु आम, कतरनी चावल और मगही पान को GI का दर्जा पहले मिल चूका है।


बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, चंपारण, बेगुसराय जिले और उसके आसपास के क्षेत्र का वातावरण शाही लीची के लिये काफी अनुकूल है. चीन के बाद भारत दुनिया में लीची का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत में जहां लीची को ताजे फल के रूप में खाना और खिलाना पसंद करते हैं, वहीं चीन और जापान में इसे सूखे या डिब्बाबंद रूप में पसंद किया जाता है. देश में लीची उत्पादन में बिहार शीर्ष पर है. ।


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