सहरसा। निजी के साथ-साथ सरकारी भवनों में भी रेन वाटर हर्वेस्टिग की व्यवस्था की जा रही है। ताकि भूजल स्तर को बनाए रखा जा सके।
जानकारी के अनुसार, सरकारी भवनों के प्राक्कलन और नक्शा में ही इसका प्रावधान कर दिया जाता है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. अशोक कुमार ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था के बिना किसी प्राक्कलन व नक्शे की स्वीकृति नहीं दी जाती है। पुराने भवनों में भी इसकी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिस विभाग मे भी भवन का निर्माण हो रहा है, वह विभाग इसको लेकर काफी गंभीर है। भूजल स्तर में कमी को लेकर सरकार के निर्देश के पास हर स्तर पर इस दिशा में कार्रवाई हो रही है। भवन में ही एक चैनल का निर्माण किया जाता है। ताकि बारिश के पानी को भूजल तक पहुंचाया जा सके। इधर, आम लोग भी इसको लेकर जागरूक हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि पानी के बिना यह धरती ही नहीं रह सकती है। जिस कारण पानी को बचाना हम सबों का पहला कर्तव्य होना चाहिए। जल संचय के लिए कार्य कर रहे राजेंद्र झा कहते हैं कि वर्षा जल संचय करना सबसे आसान है। थोड़ी सी जागरूकता से वर्षा जल को संचय किया जा सकता है। उसे उपयोग में भी लाया जा सकता है। वर्षा जल अमृत के सामान होता है। उन्होंने मेघ पाईन अभियान के माध्यम से वर्षा जल संचय को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
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