बेगूसराय। विगत 25 दिसंबर को प्रखंड कृषि कार्यालय में किसानों एवं अधिकारियों के बीच हुई मारपीट के बाद अधिकारियों को बचाने वाले किसान नेताओं पर एफआइआर दर्ज होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। किसानों द्वारा डीएओ, बीएओ एवं कृषि समन्वयक के विरुद्ध दिए गए आवेदन पर छौड़ाही पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अब किसानों ने उक्त अधिकारियों के विरुद्ध सरकारी राशि का गबन करने एवं छौड़ाही पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, मंझौल के न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है।
भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा ने कहा है कि विगत 25 दिसंबर को किसान सम्मान निधि के वितरण के अवसर पर पीएम के लाइव भाषण सुनने के लिए कृषि कार्यालय से आमंत्रित किया गया था। तय समय पर वहां पहुंचे तो कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे और न ही किसानों को बैठने की व्यवस्था थी। पीएम का भाषण समाप्त होते ही कार्यक्रम में मौजूद अधिकांश किसान कुव्यवस्था का आरोप लगाते हुए बीएओ छौड़ाही रामकिशोर शर्मा को घेर लिया। किसानों का कहना था कि बैठने या चाय पानी की व्यवस्था क्यों नहीं है, जबकि 10 हजार रुपये इस मद में आत्मा द्वारा खर्च दर्शाया गया है।
इधर किसानों ने दायर वाद में कहा है कि किसानों पर 10 हजार रुपये राशि खर्च करने के लिए जब आवंटित था तो किसानों को दिन भर भूखा क्यों रखा गया। राशि गबन मामले में जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार, बीएओ छौड़ाही रामकिशोर शर्मा, कृषि समन्वय रंजीत रंजन, परमानंद परमहंस, शालिग्राम सिंह समेत सभी को सरकारी राशि के गबन का आरोपित बनाया गया है।
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