बक्सर : आज बुधवार को देवोत्थान एकादशी है। इसे प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है। आचार्यों के मुताबिक कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की इस एकादशी से सभी शुभ तथा मांगलिक कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे। पण्डित अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि धर्मशास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि ( 01 जुलाई ) से भगवान विष्णु विश्रामावस्था में चले जाते हैं। इस कारण समस्त मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ था।
शास्त्र सम्मत अनुसार श्रीहरि विष्णु के जागने के बाद ही सभी शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं। जो आज बुधवार की देवउठनी एकादशी तिथि से प्रारम्भ हो जाएंगे। एक और खास बात जानने योग्य यह है कि देवशयनी व देवउठनी दोनों ही एकादशी व्रत की तिथि-वार एक ही होती है। इस दिन तुलसी महारानी और शालिग्राम जी का विवाह भी संपन्न किए जाने की प्रथा है। आचार्य ने बताया कि पदम पुराण में कहा गया है कि तुलसी जी के दर्शन मात्र से सम्पूर्ण पापों की राशि नष्ट हो जाती है। उनके स्पर्श से शरीर पवित्र हो जाता है और उन्हें प्रणाम करने से रोग नष्ट हो जाते हैं। साथ ही तुलसी जी को सींचने से मृत्यु दूर भाग जाती है। सबसे खास बात तो यह है कि तुलसी जी का वृक्ष लगाने से भगवान की सन्निधि प्राप्त होती है और उन्हे भगवान के चरणो में चढाने से मोक्ष रूप महान फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, धर्म ग्रन्थों के अनुसार अंत काल के समय तुलसीदल या आमलकी को मस्तक या देह पर रखने से नरक का द्वार बंद हो जाता है।
आज से शुरू हो रहे सभी मांगलिक कार्य
आचार्य का कहना है कि आज से शुभ तिथि व नक्षत्र के अनुकूल सभी मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाएंगे। हालांकि, नवम्बर-दिसम्बर महीने में लग्न-मुहूर्त काफी कम होते हैं। जिसके अंतर्गत चार विशेष एवं पांच मध्यम वैवाहिक लग्न की तिथियां हैं। इसके पश्चात वैवाहिक के लग्न लगभग पांच माह बाद अगले वर्ष 23 अप्रैल से प्रारम्भ होंगे। स्वामी जी के सानिध्य में तुलसी-शालिग्राम विवाह महोत्सव आज
जागरण संवाददाता, बक्सर : पूज्य श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में बुधवार को तुलसी-शालिग्राम विवाह महोत्सव मनाया जाएगा। कार्यक्रम निकट प्रांत यूपी के चंदौली जिला अंतर्गत चहनिया प्रखंड के कल्याणपुर गांव में होना है। कार्यक्रम को लेकर जिले से भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शरीक होंगे।
जाहिर हो की प्रत्येक वर्ष चातुर्मास्य की समाप्ति के उपरांत स्वामी जी के सानिध्य में गाजे-बाजे के साथ यह कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है। जिसके अंतर्गत सभी वैवाहिक रस्में विधि-विधान से पूरी की जाती हैं। कार्यक्रम को देखने को लेकर दूरदराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस बाबत स्वामी जी के परम शिष्य रंगनाथ सिंह व रजनीकांत पांडेय ने बताया कि वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान सुबह 10 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक अनवरत महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर मुन्ना चौबे, बबलू यादव, राजेन्द्र पांडेय, अरुण सिंह, राणा सिंह समेत क्षेत्रीय ग्रामीणों में काफी उत्साह है।
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