अनुशासनहीनता व लापरवाही के आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई

समस्तीपुर । नामांकन पखवाड़ा में रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने, कार्य में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता बरतने के आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र नारायण पर गाज गिरी है। शिक्षा विभाग के निदेशक सह अपर सचिव सुशील कुमार ने प्रमाणित आरोप के आधार पर निदन की सजा दी है। यह दंड जिला शिक्षा पदाधिकारी की सेवा पुस्त में वर्ष 2020 के निदन के रूप में की जाएगी। शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस को लेकर बाहर से आने वाले, अनामांकित एवं विद्यालय से बाहर रहने वाले छह से 14 वर्ष तक के बच्चों का घर-घर जाकर विद्यालय में नामांकन करने की योजना को लेकर पूर्व में आदेश जारी किया गया था। इसको लेकर जिले में नामांकन पखवाड़ा चलाया गया था। नामांकन पखवाड़ा - 2020 के तहत शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने एवं नामांकित तथा ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान एवं उनके उम्र के सापेक्ष कक्षा में नामांकन हेतु कृत कार्रवाई का रिपोर्ट बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। पुन: अपर सचिव ने 12 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी को कुल नामांकन का रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। गलत ईमेल आईडी पर भेज दी गई थी रिपोर्ट


नामांकन पखवाड़ा का रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराए जाने पर सर्वाेच्च प्राथमिकता के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया। 14 अक्टूबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से बैठक प्रारंभ की गई। रिपोर्ट की उपलब्धता के क्रम में जानकारी प्राप्त हुई कि समस्तीपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है। वस्तुस्थिति को गंभीरता से लेते हुए डीईओ को तीन दिनों के अंदर उक्त कृत्य के लिए क्यों नहीं गंभीर अनुशासनिक कार्रवाई करने को लेकर स्पष्टीकरण किया गया। डीईओ ने स्पष्टीकरण के जवाब में बताया कि 13 अक्टूबर को नामांकन पखवारा से संबंधित प्रतिवेदन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान को निदेशालय को उपलब्ध कराने को कहा गया था। साथ ही रिपोर्ट के संबंध में कंफर्म करने को भी कहा गया था। इसके अवलोकन के क्रम में स्पष्ट हुआ कि उक्त रिपोर्ट गलत ईमेल आईडी पर भेजने की वजह से ससमय प्राप्त नहीं हुआ। रिपोर्ट नहीं देने पर दूसरे पदाधिकारी पर आरोप डालने का प्रयास
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर विभागीय समीक्षा के क्रम में स्पष्ट हुआ कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव तथा अपर सचिव द्वारा रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसका अनुपालन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा नहीं किया गया। रिपोर्ट ससमय उपलब्ध नहीं कराने का दोष जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान पर डालने का प्रयास किया गया। इसे उचित नहीं बताया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि विभागीय निर्देश का ससमय अनुपालन नहीं किया गया। जिससे लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रमाणित होता है।
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