प्रखंड कार्यालय को नवनिर्वाचित विधायक से है उम्मीद

सहरसा। चुनाव परिणाम सामने आ गया। इससे पहले भी कितनी बार सत्ता व सरकारें बदली पर सत्तरकटैया प्रखंड कार्यालय की तस्वीर में कोई बदलाव नहीं आ सका। महिषी विधानसभा क्षेत्र का यह प्रखंड आज भी उपेक्षित है। 29 वर्ष बाद भी अपनी जमीन एवं भवन के लिए सत्तर कटैया प्रखंड कार्यालय लालायित है। परिणाम स्वरूप बिजलपुर पंचायत के पंचायत भवन एवं सामुदायिक भवन में कार्यालय संचालित है। हालांकि लोगों को उम्मीद है कि नवनिर्वाचित विधायक प्रखंड कार्यालय भवन निर्माण कार्य को पहली प्राथमिकता देकर सामुदायिक एवं पंचायत भवन में संचालित हो रहे इस कार्यालय को मुक्ति दिलाएंगे।


अब तक 18 प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस कार्यालय में बैठकर पूरे प्रखंड क्षेत्र के लिए भवन बनवाया लेकिन खुद अपने भवन की चिता किसी को शायद नहीं हुई।
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कब बना प्रखंड
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ग्रामीण विकास विभाग बिहार पटना के अधिसूचना संख्या - 1246 , दिनांक - 8 दिसंबर 1994 को कहरा प्रखंड से विभाजित होकर सतर कटैया प्रखंड का सृजन किया गया। इसे पूर्व ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 1991 में सत्तर कटैया को प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनाने की घोषणा की थी। बावजूद अब तक सामुदायिक भवन एवं पंचायत भवन बिजलपुर में कार्यालय का संचालन हो रहा है। हालांकि प्रखंड सह अंचल कार्यालय व आवासीय भवन निर्माण के लिए 2016 में ही बिहार सरकार द्वारा 8 करोड़ 52 लाख 72 हजार राशि स्वीकृत कर जिला को भेज दी गई थी। इस राशि में से 5.10 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया था। मगर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है। हालांकि प्रखंड मुख्यालय स्थित तकनीकी भवन के समीप अधिकृत जमीन विवाद को अंचलाधिकारी द्वारा निपटारा करने का प्रयास जारी होने की बात बताई जा रही है।
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