बक्सर : मंगलवार को आधुनिक बिहार के निर्माता व संविधान के जनक डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा की 149 वीं जयंती पर पैतृक इलाके के प्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों ने उन्हें याद किया। मुरार हाई स्कूल जहां इनकी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा हुई थी उस प्रांगण में स्थापित डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा स्मृति संस्थान के लोगों एवं इलाकाई गणमान्य लोगों ने प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर इस महान विभूति को याद किया।
इसके बाद यहां उपस्थित प्रखंड प्रमुख ऋषिकांत सिंह, मुरार पंचायत के पूर्व मुखिया बलिशंकर पांडेय, राकेश कुमार गौतम, नंदलाल पंडित एवं धर्मदेव तिवारी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान गढ़ना कोई आसान काम नहीं था। सिर्फ बिहार ही नहीं वल्कि पूरे देश का सौभाग्य है कि इतनी महती भूमिका को निभाने के लिए बनी संविधान सभा के पहले कार्यकारी अध्यक्ष और इस मुरार गांव की मिट्टी में पले-बढ़े डा.सच्चिदानंद सिन्हा को ही चुना गया। इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। हालांकि, यहां उपस्थित तमाम गणमान्य लोगों ने डॉ. सिन्हा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद मुरार गांव में स्थित डा. सच्चिदानंद सिन्हा के पैतृक आवास को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में पहचान दिलाने के लिए शासन का ध्यान आकृष्ट् कराय। बलिशंकर पांडेय ने कहा कि तबीयत खराबी के बाद जिस महान शख्सियत के पटना आवास पर संविधान की मूल प्रति को लाया गया संविधान के उस महान हस्ती की प्रतिमा मुरार छोड़कर कही नहीं हैं। यहां उपस्थित गणमान्य लोगों ने संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष डॉ. सिन्हा की प्रतिमा बिहार विधानसभा एवं लोकसभा परिसर में लगाने की मांग की है। इस दौरान मुरार हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक सुशील कुमार, राकेश कुमार गौतम, नंदलाल पंडित, अरुण कुमार सिंह, अधिवक्ता राजेश कुमार, मुरार ग्राम कचहरी के सरपंच रामू प्रसाद, अशोक कुमार सिन्हा, रमेश कुमार पांडेय, रामचंद्र प्रसाद और संजीव कुमार सिन्हा सहित कई गणमान्य लोगों ने 149 वीं जयंती पर संविधान निर्माता डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।
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