सभी एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को एनडीए-जेडी (यू) गठबंधन से आगे बताया गया है, लेकिन सभी की नजरें मतगणना पर टिकी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का पहला चुनाव था, जोकि कोविड-19 महामारी के बीच हुआ था।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष कुल मतदान 57.05 प्रतिशत था, जोकि 2015 के 56.66 प्रतिशत से थोड़ा अधिक था। 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। 28 अक्टूबर को चुनाव के पहले चरण में 16 जिलों में फैली 71 सीटें मतदान किया गया, जबकि दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर तीन नवंबर को लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और तीसरे चरण में 15 जिलों में की 78 सीटें पर 7 नवंबर को वोटिंग हुईं।
जैसे ही सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होगी, डाक मतपत्र पहले खोले जाएंगे। फिर ईवीएम के वोटों की गिनती होगी। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के अलावा नंद किशोर यादव (पटना साहिब), प्रमोद कुमार (मोतिहारी), राणा रणधीर (मधुबन), सुरेश शर्मा (मुजफ्फरपुर), श्रवण कुमार (नालंदा), जय कुमार सिंह (दिनारा) और कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा (जहानाबाद) के प्रमुख नेताओं के भाग्य का फैसला आज होगा।
नतीजे आने में लगेगा समय
बिहार में काउंटिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ाई गई है। इस बार 38 जिलों में 55 काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं जबकि, 414 काउंटिंग हॉल हैं। ज्यादा काउंटिंग सेंटर होने से भी नतीजे आने में समय लगेगा।
63% बढ़ी EVM
चुनाव के लिए इस बार 1 लाख 6 हजार 526 बूथ बनाए गए थे, जबकि 2015 में 65 हजार 367 बूथ थे। बूथों की संख्या करीब 63% बढ़ने से EVM की संख्या भी बढ़ गई। इसलिए वोटों की गिनती के लिए समय भी ज्यादा लगेगा और इस बार नतीजा घोषित होने में ज्यादा वक्त लग सकता है।