जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में इस जानलेवा वायरस से खुद का बचाव करना बेहद आवश्यक है।लेकिन कोरोना महामारी के दौर में बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है।वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी रोगों का खतरा अधिक रहता है और यह कोरोना के मरीजों के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है।इसके अलावा जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा जैसी सांस की बीमारी हैं, उनके लिए वायु प्रदूषण जानलेवा बन सकता है।
वायु प्रदूषण से कोरोना सक्रमितों में बढ़ा मौत का खतरा— देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर और कुछ अन्य मेट्रो शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।यहां की हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होती जा रही है कि सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में हाल ही में किए गए एक शोध में बताया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा बढ़ने का खतरा अधिक है। वायु प्रदूषण के कारण पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 15 प्रतिशत बताई गई है।
देश में इस कारण बढ़ता वायु प्रदूषण— देश के पंजाब, हरियाण राज्यों में पराली जलाने, बढ़ते साधनों और कलकारखानों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण के मुख्य कारण माने गए है।इसके अलावा दिवाली में संभावित पटाखों के प्रदूषण से मुश्किलें और बढ़ सकती है।इस बारे में राष्ट्रीय हरित अधिकरण को भी सूचित किया गया।जिसको लेकर इस बार दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में दिवाली पर पटाखें जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा निर्देशों का करें पालन— देश में अभी भी कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है।ऐसे में बचाव के लिए दिए गए दिशा निर्देश जैसे मास्क लगाना, दो गज की दूरी बनाए रखना और अपने हाथों को नियमित समय पर धोना आवश्यक है।