बक्सर : सरकार के लाख प्रयास के बावजुद बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की अवधारणा को लोग स्वीकार करने में अपने को असहज महसूस कर रहे है। कही बेटियां गर्भ में मारी जा रही है तो कही जन्म लेने के बाद उन्हें लावारिस अवस्था में फेंक दिया जाता है। कुछ इसी तरह का मामला शुक्रवार को थाना क्षेत्र के पैगंबरपुर पंचायत अन्तर्गत बड़का सिंहनपुरा टेंपो स्टैंड के समीप सामने आया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अहले सुबह गांव से बाहर टेंपो में एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी, जो मां की ममता के लिए तड़प रही थी। फिर क्या था यह बात गांव में आग की तरह फैल गई। बच्ची को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मगर किसी ने उसे अपनाने के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। अंततोगत्वा इस बात की जानकारी गांव के चौकीदार भूदेव यादव को दी गई। सूचना मिलने के बाद चौकीदार बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तथा उसका चिकित्सकीय उपचार कराया। इतना ही नहीं चाइल्ड हेल्पलाइन डुमरांव को भी इस बात की जानकारी दी। थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच के बाद नवजात शिशु को चाइल्ड हेल्पलाइन डुमरांव के सदस्य चंदन कुमार एवं आसिया खान को सौंप दिया गया है। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। इधर पुलिस इस बात का भी पता लगाने में जुट गई है कि टेंपो में नवजात को किसने रखा था। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस मामले में पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। मगर आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
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