जयपुर।आज की भागदौड भरी लाइफस्टाइल और बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण शरीर का तनाव व अनिद्रा की समस्या लगात्तार बढ़ती जा रहीं है।ऐसे में आप लंबे समय तक नींद की कमी के भयानक प्रभाव में आ गए हैं और पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहें है, तो भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा आयुर्वेद से इससे दूर कर सकते है। विश्व में बढ़ती अनिद्रा की परेशानी— विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अनिश्चित जीवन शैली, तनाव और अन्य अप्रत्याशित पर्यावरणीय कारकों के कारण वर्तमान समय में अनिद्रा की परेशानी बढ़ती जा रही है।आज बड़ी संख्या में लोगों की नींद की गुणवत्ता खराब हो गई है।रात के देर तक जगाने और 7 से 8 घंटे की नींद ना लेने के कारण अनिद्रा की परेशानी होने लगती है। अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुमान के मुताबिक, दुनिया में एक तिहाई लोग नींद की बीमारी से पीड़ित हैं।
आयुर्वेद में अनिद्रा की समस्या का इलाज— हाल ही आयुष मंत्रालय ने एक अध्ययन रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि,आयुर्वेदिक जड़ी—बूटियों का सेवन करने से अनिद्रा की परेशानी को दूर किया जा सकता है।इस अध्ययन में बताया गया है कि इस शोध में अनिद्रा के सभी लक्षणों के उपचार से पहले और बाद में पूरी तरह से जांच और मूल्यांकन ग्रेडिंग शामिल की गई है।इस अध्यन में अनिद्रा के जिन लक्षणों को मूल्यांकन के लिए चुना गया था, उनमें जम्हाई, उनींदापन, थकान और नींद की गुणवत्ता में कमी शामिल थी और आयुर्वेद के शोध में इन सभी मापदंडों में सुधार देखा गया था।
अश्वगंध अनिद्रा का इलाज— इस शोध में शिरोधारा के साथ अश्वगंधा टेला और शमां चिकिट्स को शामिल किया गया है, जो नींद में कमी के प्रबंधन में लाभकारी भूमिका निभाने में मददगा साबित हुए है।आयुष मंत्रालय ने बताया है कि नींद की कमी को अनिद्रा के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सकीय पद्धति से ठीक किया जा सकता है जो दुनिया भर में एक नींद की समस्या है।