इस्लामाबाद। भारत ने सिखों के सबसे महत्वपूर्ण धर्मस्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन एक गैर-सिख संस्था को सौंपने का कड़ा विरोध किया है। पाकिस्तान ने इस इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को गुरुद्वारे का मैनेजमेंट सौंपा है। अब तक इसका प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के पास था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के 'बड़े-बड़े दावों की पोल खुल' गई है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपना यह फैसला वापस ले क्योंकि पवित्र करतारपुर साहिब के मामलों को संभालने का जिम्मा सिख अल्पसंख्यक समुदाय का है। ETPB की टीम में नहीं है कोई सिख पाकिस्तान में धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई है। इसी के बाद करतारपुर साहिब का प्रबंधन PSGPC से छिन गया। 3 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, अब एक स्वायत्त संस्था ETPB गुरुद्वारे का प्रबंधन देखेगी। सूत्रों के अनुसार ETPB ने नौ अधिकारियों और स्टाफ मेंबर्स को नियुक्त किया है जिनमें एक भी सिख नहीं है। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। यह गुरुद्वारा सिख धर्म की तीन सबसे पवित्र जगहों (बाकी दो स्वर्ण मंदिर और ननकाना साहिब) में से एक है। पाकिस्तान का दावा, विकास होगा ETPB के चेयरमैन आमार अहमद ने कहा कि PMU करतारपुर कॉरिडोर से कॉरिडोर और गलियारे का और विकास होगा। उन्होंने दावा किया कि इससे श्रद्धालुओंको और सुविधाएं मिल सकेंगी। अहमद ने भारत सरकार से सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर की यात्रा फिर शुरू करने की अपील की जो कोरोना वायरस के चलते बंद है। पाक ने 551वीं नानक जयंती पर भारतीय सिखों को बुलाया पाकिस्तान सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 551वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पिछले दिनों भारतीय सिखों को निमंत्रण भेजा है। गुरु नानक गुरपर्ब के रूप में जाना जाने वाला तीन दिवसीय उत्सव 27 नवंबर को ननकाना साहिब में शुरू होगा। -एजेंसियां