अपनी आंखों की रौशनी तेज करने के लिए किस किस विटामिन का सेवन है जरुरी, जानिए एक क्लिक में?

एक स्वस्थ जीवन शैली और कुछ पोषक तत्व आंखों की समस्याओं के जोखिम को कम कर सकती है. इससे हानिकारक प्रकाश से आंखों को होने वाली क्षति और उम्र संबंधी रोगों को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है. यहां ऐसे 5 पोषक तत्वों के बारे में बताया है, जो आंखों की सेहत को बनाए रखने और उन्हें कई प्रकार के जोखिमों से बचाए रखने में जरूरी है.

विटामिन ई : विटामिन ई की कमी से आंखों में धुंधलापन, अंधापन या मोतियाबिंद जैसी समस्याएं हो सकती हैं. आंखों को नुकसान से बचाने के लिए विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें. बादाम, अखरोट, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, अलसी के तेल, पालक, ब्रोकोली और जैतून का तेल विटामिन ई के कुछ शानदार स्रोत हैं. विटामिन ए : विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है, जो कुछ खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. ये प्रोविटामिन से मिलता है और आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है.
विटामिन ए को रेटिनोल भी कहते हैं क्योंकि ये आंखों में रेटिना बनाने वाले पिगमेंट के निर्माण में मदद करता है. अंधेपन का सबसे सामान्य और बड़ा कारण विटामिन ए की कमी है. यह गाजर, चुकंदर, शलजम, शकरकंद, मटर, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, आम, तरबूज, पपीता, पनीर, राजमा, बींस, अंडा आदि में पाया जाता है.
ओमेगा-3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा होने से वयस्कों को मैक्यूलर डीजनरेशन और ड्राई आई सिंड्रोम से बचाने में मदद मिल सकती है. मैक्यूलर डीजनरेशन आंखों की समस्याओं में से एक है जिसमें व्यक्ति को धुंधला या कम दिखाई देता है.
वहीं, ड्राय आई सिंड्रोम यानी आंखों में सूखापन एक ऐसी स्थिती है, जिसमें किसी व्यक्ति की आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बन पाते हैं, जिस कारण आंखों की चिकनाहट या नमी चली जाती है. मछली, टूना, नट्स और बीज, पौधे के तेल जैसे अलसी के तेल, कैनोला तेल आदि में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है.
विटामिन सी : विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है. पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी का सेवन करने से मोतियाबिंद के जोखिम को कम कर सकता है. विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में ब्रोकोली, स्प्राउट्स, काली मिर्च, पत्तेदार हरी सब्जियां, खट्टे फल और अमरूद शामिल हैं.

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