जयपुर. कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का महिलाओं के लिए बड़ा महत्व है। इस दिन महिलाओं का महापर्व यानि करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह उत्सव 4 नवंबर 2020 को मनाया जा रहा है. आज महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी और शाम को चंद्रमा की पूजा करेंगी. यह कठिन व्रत सूर्योदय के साथ ही शुरू हो चुका है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस व्रत में चंद्रमा और शिवजी के साथ ही चतुर्थी माता, भगवान गणेश व कार्तिकेयजी की भी पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति के सुख—सौभाग्य—स्वास्थ्य की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखेंगी। रात में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर ही महिलाएं अपना व्रत खोलेंगी।
खास बात यह है कि इस बार करवा चौथ पर अनेक शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार आज संकष्टी चतुर्थी है और बुधवार का दिन है। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग, शिव व अमृत योग, और हंस, शंख, गजकेसरी व दीर्घायु योग भी बन रहे हैं। सौभाग्य पर्व पर बने इन संयोगों से पूजा का फल और बढ़ गया है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्तपूजा के मुहूर्तशाम 5:25 से 5:45 तकशाम 5:35 से 6:50 तकचंद्रमा को अर्घ्य देने का मुहूर्तध्यान रखें कि चंद्रोदय का समय हर शहर में अलग—अलग होता हैजयपुर में चंद्रमा का उदय 20.22 मिनट परदेशभर में रात 8.54 बजे से प्रारंभ