रिलेशनशिप: हम आज नारी शक्ति की बात तो करते है पर एक नारी को उतना सम्मान नही देते जितने की वो हक़दार है! क्यो आज भी बहुत लोग नारी को कमजोर समझ के उसका अपमान करते है, उसके हको का शोषण करते है, उसे अपनी जायदाद समझते है और खुद ही उसके लिए सारे फ़ैसले भी कर लेते है!
हाल ही हमने देखा है कि एक पति ने अपनी पत्नी से बस कह दिया कि वो अपने मायके अभी नही जा सकती, जब लड़की ने अपने पति से कहा की उसकी टिकट तो उसके घर वाले करा चुके है तो पति ने बस फ़ैसला सुना दिया कि नहीं जाना है तो नही जाना! जो लड़की साल भर से घर जाने का इंतजार कर रही हो तब उसे अगर उसके घर जाने से बिना किसी कारण के रोक दिया जाए तो उसपे क्या बीत रही होगी इस तकलीफ़ को समझ पाना भी संभव नही!
हम लोगो ने इतनी तरक्की तो कर ली लेकिन एक पत्नी को अपनी जयदाद समझना हमलोग कब बंद करेंगे, क्यों एक लड़की खुद से अपने जीवन का एक भी फ़ैसला नही कर सकती, शादी करके कोई लड़की अपना सब कुछ छोड़ के आती है और उसे मिलता क्या है - घर के नाम पे जेल ,जहा कोई भी उसे घर से निकाल देने की धमकी देकर डराता रहता है!
ये सच है की लड़कियाँ अब अपने हक़ की लड़ाई करना भी जान गई है लेकिन काफ़ी जगह ख़ासकर गाँव मे आज भी हालत सुधरी ही नही! जो सब कुछ छोड़ के अपने पति के घर आती है , घर को प्यार से संभालती है , बच्चे को जनम भी देती है और पूरी जिंदगी सबकी सेवा भी करती है उसके साथ आज भी कही पर भी ऐसा सुलूक क्यों हो रहा है!
आख़िर चाहती क्या है एक पत्नी
यही की उसका पति उसका सम्मान करे. यही की उसका पति उसकी परेशानियो को समझे और हमेशा उसका साथ दे. यही की उसकी देखभाल करे, उसकी खुशियो को अहमियत दे. अगर कोई लड़की अपना घर छोड़ के आ सकती है और बदले मे उसे सिर्फ़ थोड़ा सा प्यार चाहिए तो इसमे कहा ज़्यादा माँग लिया उसने! विचार कीजिएगा.आशा करते है की आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा, इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुचाए ताकि हर एक पति अपनी पत्नी की अहमियत को समझे और उसे उसका हक दे!