अपने आकाओं को खुश करना कांग्रेस का मकसद: देवनानी

-नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विधानसभा में बोले देवनानी-किसान विरोधी है कांग्रेस-किसानों के साथ झूठी हमदर्दी का खेल, लगातार गुमराह करने का प्रयास

जयपुर।केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गए नए कृषि कानूनों का विरोध करने एवं इन कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्तुत विधेयकों के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस को आडे. हाथों लिया।
विधानसभा में बोलते हुए देवनानी ने कहा कि केवल और केवल दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने की खातिर कांग्रेस केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहीं है। किसानो को फायदा देने वाले इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाना कांग्रेस की किसान विरोधी मानसिकता और मंशा को जगजाहिर करता है।
देवनानी ने कहा कि भाजपा पर संविधान खतरे में डालने का झूठा आरोप मंडने वाली कांग्रेस का भारतीय संघीय ढांचे और संवैधानिक संस्थाओं पर कतई विश्वास नहीं है।
नए कृषि कानूनों के संबंध में उच्चतम न्यायालय में मामला पेंडिंग होने के बाद यह प्रस्ताव लाना यह साबित करता है। न्यायालय के निर्णय का इंतजार किये बिना यह कदम उठाना संवैधानिक संस्थाओं का मखौल उठाना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार पिछले छह सालों से किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य पर चल रही है। इन्हीं प्रयासों की श्रंृखला में कृषि व कृषकांे की दशा सुधारने के लिए तीन कृषि विधेयक संसद से पारित होने के बाद काननू का रूप ले चुके हैं।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) एवं कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन नामक ये दोनों विधेयक किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती देने तथा कृषि क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने वाले है।
इनमें से पहला कानून अन्नदाता को बिचैलियों के चंगुल से आजादी देने के साथ उसे अपनी उपज को इच्छानुसार मूल्य पर बेचने की आजादी प्रदान करेगा। अब किसानों का एक देश एक बाजार का सपना पूरा होगा। सत्तर सालों के सच्चे मायनों में बिचैलियों से आजादी मिलेगी।
इन कानूनों के आने से एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पउेगा। वो व्यवस्था यथावत रहेगी परंतु अब किसानों के पास एमएसपी के अतिरिक्त भी अपनी उपज बेचने के कई विकल्प होंगे।
दूसरा विधेयक बुवाई के समय ही बाजार से संपर्क प्रदान करता है जिससे किसान को उत्पादन व मूल्य दोनों से जुडे जोखिमों से राहत मिलेगी। तीसरा आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के माध्यम से किसानों की आय बढाने व कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पद्र्धा में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
देवनानी ने कहा कि सत्तर सालों से देश के किसानों को लूटने वाली कांग्रेस आज झूठी हमदर्दी का खेल खेल रही है। किसानों का बिचैलियों से आजाद होना भी उसको पच नहीं रहा है।
किसानों की आय दोगुनी करने वाले इन कृषि कानूनों का विरोध वह कांग्रेस कर रही है जो राजस्थान में किसानों से दस दिन में ऋण माफ करने का वादा किया था और सत्ता पाने के दो साल बाद भी किसानों का ऋण माफ नहीं कर पाई।
कांग्रेस नए कृषि कानून का विरोध कर प्रदेश के किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है जो व्यर्थ है। किसानों को गुमराह कर सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस अब और किसानों को गुमराह नहीं कर सकती है।
किसानों ने प्रदेश सहित पूरे देश से कांग्रेस को साफ करने का मन बना लिया है। इसका नजारा आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल ही जाएगा।

अन्य समाचार