जन्‍मदिन: समकालीन हिंदी लेखन जगत की अग्रणी हस्ताक्षर ममता कालिया

समकालीन हिंदी लेखन जगत की अग्रणी हस्ताक्षर ममता कालिया का आज जन्‍मदिन है। ममता कालिया उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में कृष्‍ण की क्रीड़ास्‍थली वृंदावनधाम में 02 नवंबर 1940 को हुआ था। ममता कालिया ने कहानी, उपन्यास, कविता, नाटक, संस्मरण और पत्रकारिता अर्थात् साहित्य की लगभग सभी विधाओं में अपनी कलम का जादू बिखेरा है। उन्होंने अपने लेखन में रोजमर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा। अपनी रचनाओं में वह न केवल महिलाओं से जुड़े सवाल उठाती हैं, बल्कि उन्होंने उनके उत्तर देने की भी कोशिश की हैं। उनके पिता स्व. विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में आकाशवाणी में कार्यरत रहे। वे हिंदी और अंग्रेज़ी साहित्य के विद्वान् थे और अपनी बेबाक़ बयानी के लिए जाने जाते थे। प्रमुख कृतियाँ कहानी संग्रह- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की, ममता कालिया की कहानियाँ (दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ) उपन्यास- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम्‌ - सुक्खम्‌ कविता संग्रह - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी नाटक संग्रह- यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे संस्मरण- कितने शहरों में कितनी बार अनुवाद- मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम) संपादन- हिन्दी (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका) सम्मान और पुरस्कार अभिनव भारती सम्मान साहित्य भूषण सम्मान यशपाल स्मृति सम्मान महादेवी स्मृति पुरस्कार कमलेश्वर स्मृति सम्मान सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान अमृत सम्मान। -एजेंसियां

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