भारतीय रेलवे ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अलग अलग तरह के सामान सप्लाई करने का ऑफर दिया है. दरअसर रेलवे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. इसी के तहत रेलवे ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा खरीदने की पहल की है. अगर आप भी रेलवे को अपने प्रोडक्ट बेचना चाहते हैं तो इन वेबसाइटों https://ireps.gov.in और https://gem.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
रेलवे ने रेल के डिब्बों और इंजन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान और पुर्जों की सप्लाई के लिए एमएसएमई उद्योगों को आमंत्रित किया है. रेलवे हर साल लगभग 70 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोडक्ट खरीदता है. मेक इन इंडिया नीति के तहत रेलवे ने अपने वैगन, ट्रैक और एलएचबी डिब्बों के लिए 50 फीसदी से ज्यादा सामान लोकल मैन्यूफैक्चर्स से लेने का ऐलान किया है. वहीं वंदे भारत ट्रेन सेट के लिए 75 फीसदी से ज्यादा इलेक्ट्रिक सामान मेक इन इंडिया के तहत खरीदा जाएगा.
छोटे उद्योगों को रेलवे में सप्लाई के लिए बढ़ावा देने को रेलवे ने किसी टेंडर की लागत की 25 फीसदी तक की खरीद में एमएसएमई उद्योगों को 15 फीसदी तक की प्राथमिकता मिलेगी. वहीं एमएसएमई उद्योगों को सिक्योरिटी डिपॉजिट और सुरक्षा जमानत राशि जमा करने की शर्तों में भी छूट दी गई है.
एमएसएमई उद्योगों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए उद्योगों को नए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है. अगर कोई सप्लायर रेलवे की किसी एक एजेंसी में कोई प्रोडक्ट सप्लाई करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लेता है तो इसे पूरे रेलवे में प्रोडक्ट की सप्लाई के लिए रजिस्ट्रेशन माना जाएगा.