किसी उपभोक्ता का मोबाइल नंबर गैस कनेक्शन से लिंक नहीं है, तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने एक नवंबर के अनिवार्य किए जाने वाले डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) को फिलहाल टाल दिया है। करीब 30 फीसदी रसोई गैस उपभोक्ता पहले ही इसका उपयोग कर रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीएसी जारी रहेगी, पर अनिवार्य नहीं होगी। मसलन किसी उपभोक्ता का मोबाइल नंबर गैस कनेक्शन के साथ लिंक नहीं है, तो उसके मोबाइल पर डीएसी नहीं आएगा। इसके अलावा कई उपभोक्ताओं ने अपना नंबर भी बदल लिया है। ऐसे में तमाम तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए फिलहाल डीएसी को अनिवार्य करने का फैसला टाल दिया है।
इससे पहले कंपनियों ने एक नवंबर से दिल्ली-एनसीआर और सौ स्मार्ट सिटी में रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी के लिए एक नवंबर से उपभोक्ता को डीएसी कोड दिखाना अनिवार्य किया था। यह डीएसी कोड सिलेंडर की बुकिंग के बाद उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।
इसका मकसद रसोई गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी को रोकना था। इसके साथ पांच किलो और 19 किलो के वाणिज्यिक गैस सिलेंडर के लिए व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग तेज हो रही है। क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि 19 किलो के गैस सिलेंडर पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। कंपनियां सीधे सस्ती कीमतों पर सिलेंडर मुहैया करा रही हैं। ऐसे में पांच और 19 किलो के वाणिज्य सिलेंडर के लिए व्यवस्था बननी चाहिए।