बापू के शवयात्रा के दौरान शामिल थे 10 लाख लोग, क्लिक कर जानें बापू के बारें में कुछ ऐसी ही बातें

2 अक्टूबर का दिन हमें बापू उर्फ महात्मा गांधीजी की याद दिलाता हैं. बापू का जन्म 2 अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. मां का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गांधी था. दुनिया भर को अहिंसा का मंत्र देने वाले महात्मा गांधी की 151वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2020 को मनाई जाएगी. आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपकों बापू से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य के बारें में बताएंगे जिसे हर भारतीय को जानना चाहिए...

बापू की माता पुतलीबाई, उनके पिता करमचंद गांधी की चौथी पत्नी थीं. पुतलीबाई अत्यंत धार्मिक महिला थीं और उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में ही बंटी हुई थी. मोहनदास उनकी आखरी संतान थे.
बापू की शादी मात्र 13 साल की उम्र में हो गई थी. इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था और वे उम्र में गांधी जी के समकक्ष ही थीं . लगभग 62 वर्ष की आयु तक उन्होंने वैवाहिक जीवन बिताया.
बापू की मृत्यु के पश्चात इनके शवयात्रा में 10 लाख लोग शामिल थे. 15 लाख लोग शव यात्रा के रास्ते में खड़े हुए थे. उनकी शव यात्रा भारत के इतिहास में सबसे बड़ी शव यात्रा थी. लोग खंभों, पेड़ और घर की छतों पर चढ़कर बापू को एक नजर देखना चाहते थे.

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