बेगूसराय। यहां की भूमि बीज उत्पादन के लिए अनुकूल है। कृषि विज्ञान केंद्र, खोदावंदपुर इस वर्ष 30 हेक्टेयर भूमि में किसानों के द्वारा मसूर बीज उत्पादन करवा रही है। इसका आधार बीज किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र, खोदावंदपुर खुद मुहैया कराएगी तथा उत्पादित बीज किसानों से समर्थन मूल्य से अधिक की दर पर खरीद लेगी। आधुनिक एवं वैज्ञानिक खेती यहां के किसान करने को तैयार हैं। दावे के साथ कह सकता हूं कि कृषि विज्ञान केंद्र के दिशा निर्देश में खेती करने पर किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं बल्कि 10 गुनी बढ़ जाएगी। उक्त जानकारी छौड़ाही प्रखंड की एकंबा पंचायत के किसान मुकेश सिंह की खेत में बीज परिक्षेत्र का निरीक्षण कर रहे कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने दी।
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उन्होंने कहा कि आइपीएल 316 उन्नत प्रभेद मसूर का आधार बीज किसान को देंगे और किसानों द्वारा उत्पादित बीच संस्था स्वयं खरीद लेगी। पिछली बार यह बीज 64 रुपये किलो किसानों से ली गई थी।
डॉ. रामपाल पंचायत के कावर परिक्षेत्र में मुकेश सिंह की खेतों का निरीक्षण किया और पाया कि यहां बीज उत्पादन सही तरीके से हो सकता है। मिट्टी भी मसूर उत्पादन के ²ष्टिकोण से अच्छी है। उन्होंने कहा कि किसानों के अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। किसानों की फसल का उत्पादन दुगनी नहीं 10 गुनी करने का प्रयास किया जाएगा और उसमें हम सफल होंगे। इस अवसर पर मुकेश सिंह के कावर स्थित 26 बीघे के प्लॉट पर जैन इरिगेशन के इंजीनियर अमरेश सिंह के साथ जीपीएस आधारित खेत का नक्शा बनाया। इसमें टपक सिचाई और स्प्रिंकलर पद्धति लगाई जाएगी।
डॉ. रामपाल पहले वैज्ञानिक हैं जो सुदूर कावर झील परिक्षेत्र जहां जाने का कोई भी रास्ता नहीं है, किसानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए ट्रैक्टर की सवारी कर किसान के खेत में पहुंचे।
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