हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का काफी अधिक महत्व है। घर बनाते समय हर एक कमरे से लेकर रसोई घर और वॉशरूम तक सभी जगहें वास्तु के हिसाब से डिजाइन की जाती है और इन्हे उसी दिशा में बनाया जाता है।
घर में इस्तेमाल होने वाले पानी के नल, शॉवर, वॉशबेसिन और गीजर को सही दिशा में रखने का भी अपना महत्व होता है। पानी या पानी से जुड़ी ये सभी चीजें हमारी दिनचर्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए, अगर यह सही दिशा में नहीं लगा हुआ है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के उत्तर पूर्व दिशा में पानी का नल और शॉवर लगाना चाहिए। वाशबेसिन भी उत्तर या उत्तर-पूर्व के कोण का होना चाहिए। उसी तरह, गीजर, घर या बाथरूम के आग्नेय कोण पर होना चाहिए। आप बाथटब का इस्तेमाल उत्तर या उत्तर-पूर्व के कोण में नहाने के लिए भी कर सकते हैं। साथ ही घर से निकलने वाले पानी की निकासी की व्यवस्था उत्तर दिशा में होनी चाहिए।
इन सब के साथ, एक महत्वपूर्ण बात यह ध्यान में रखी जानी चाहिए कि पानी का नल और शॉवर उपयोग के बाद ठीक से बंद होना चाहिए। क्योंकि अगर इससे पानी टपकता है, तो घर में धन से संबंधित समस्याएं होती हैं और कई तरह के नुकसान होते हैं।