आज के समय में एक भूतिया शहर, दल्लोल का पूर्ववर्ती खनन शहर पृथ्वी पर बसे हुए स्थानों में सर्वाधिक वार्षिक औसत तापमान - 34.6 डिग्री सेल्सियस (94.3 डिग्री फारेनहाइट) का रिकॉर्ड बना चुका है। भूमध्यरेखीय रूप से सक्रिय इस क्षेत्र को भूमध्य रेखा और इसके स्थान से निकटता के कारण, कभी भी गर्मी से राहत नहीं मिलती है।
'डानाकिल डिप्रेशन' में जो तीन टेक्टॉनिक प्लेटें हैं वो सालाना एक से दो सेंटीमीटर की दर से एक दूसरे से दूर हो रही हैं. धरती के भीतर मची-इस उथल-पुथल का नतीजा ये कि धरती के भीतर की आग अक्सर यहां बाहर निकल आती है. पिघलता लावा यहां बड़े इलाक़े में फैला हुआ है. पूरे इलाक़े में कई ज्वालामुखी हैं जो आग और राख उगलते रहते हैं.
जब 'डानाकिल डिप्रेशन' पहुंचेंगे तो आपक लगेगा कि आप धरती पर नहीं, किसी और ग्रह पर पहुंच गए हैं. यहां का मौसम बेहद गर्म और रूखा है. यहां वहां गड़्ढों में पिघलता लावा दिखएगा. आस-पास के इलाक़ों में लावे के ठंडे होने से बनी चट्टानें और पहाड़ियां दिखेंगी.
यहां का माहौल देखकर आपको लगेगा कि भला इतनी बेरहम जगह पर कौन रहेगा. मगर, यहां अफार समुदाय के लोग रहते हैं. आप यहां जलते हुए सूरज में तप जाएंगे. मगर अफार समुदाय के लोगों को इस गर्म, रूखे माहौल में रहने की आदत हो गई है. उन्हें यहां के माहौल में रहने की ऐसी आदत हो गई है कि भूख-प्यास भी नहीं लगती.