कश्मीर में केसर की बंपर फसल हुई, खेती करने वाले बहुत खुश

श्रीनगर। दुनिया में सबसे महंगे मसालों में से एक है केसर (जाफरान)। केसर को संस्कृत में काश्मीरम भी कहा जाता है। कश्मीर की जमीन पर पैदा होने वाली केसर साल जमकर फूली है। केसर की अच्छी पैदावार से इसकी खेती करने वाले बहुत खुश नजर आ रहे हैं। जमीन पर दूर-दूर तक केसर के नीले रंग वाले फूल नजर आ रहे हैं। लोग उसे खेतों से तोड़कर लाते हैं और उससे केसर निकाल रहे हैं। केसर के लिए मंजूर हुआ था 411 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट कश्मीर घाटी के उत्पाद को वैश्विक नक्शे पर लाने के लिए उसे जीआई टैग मिलना प्रमुख ऐतिहासिक कदम है। नेशनल मिशन ऑन सैफरॉन (NMS) की तरफ से की गई पहल के कारण कश्मीर में केसर के केंद्र पंपोर में इस सीजन में मसाले की बंपर फसल हुई है। एनएमएस के तहत केंद्र सरकार ने 411 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी जिसके तहत केसर के लिए 3,715 हेक्टेयर क्षेत्र का कायाकल्प किया जाना प्रस्तावित था। 2500 हेक्टेयर का हुआ कायाकल्प जीआई सर्टिफिकेशन के बाद केसर में मिलावट पर रोक लग गई है। किसानों को केसर के बेहतर दाम मिलेंगे। अब तक कश्मीर में 2,500 हेक्टेयर के क्षेत्र का कायाकल्प किया गया है और चालू सीजन के दौरान बंपर केसर उत्पादन हुआ है। देश में सिर्फ 17 टन केसर की पैदावार कश्मीर देश का इकलौता केसर उत्पादक राज्य है। यहां हर साल करीब 17 टन केसर का उत्पादन होता है। आमतौर पर कश्मीरी केसर का भाव 1 लाख 60 हजार रुपये से 3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहता है। दुनियाभर में करीब 300 टन केसर की पैदावार होती है। ईरान दुनियाभर में केसर उत्पादन में नंबर वन है। दुनिया में जितनी केसर पैदा होती है उसका करीब 90 फीसदी ईरान में ही पैदा होता है। भारत में ये हैं केसर के बड़े खरीदार देश में केसर के मुख्य खरीदारों में पतंजलि और डाबर सहित इत्र निर्माता, पान मसाला कंपनियां और फूड प्रोसेसिंग कंपनियां शामिल हैं। कश्मीर केसर किंगडम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी खुर्शीद अहमद बट ने बताया कि ये कंपनियां अपने ऑर्डर देने के लिए कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रही हैं। बट की कंपनी सूखे मेवों और केसर की सप्लायर है। -एजेंसियां

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