लखनऊ: कई लोग जनेऊ को धारण करते हैं। जनेऊ एक प्रकार का धागा होता है जो कि सफेद रंग का होता है। ये सूत के धागे से बना होते है और इसे बेहद ही पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का उल्लेख किया गया है और इन्हीं संस्कारों में दसवां, उपनयन संस्कार है। जिसे यज्ञोपवित यानी जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है।
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जनेऊ को धारण करने से कई प्रकार के नियम जुड़े होते हैं और हर किसी को इन नियमों का पालन करना होता है। इसे धारण करने से जुड़े कुछ नियम इस प्रकार हैं।
इसे बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहना जाता है।जनेऊ में तीन सूत्र त्रिमूर्ति के प्रतिक होते हैं जो कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। इसलिए इसे हमेशा साफ रखना चाहिए।विवाह तब तक नहीं होता, जब तक की जनेऊ धारण नहीं किया जाता है। इसलिए विवाह से पहले इस जरूर धारण करें।इसे धारण करने के बाद इसमें आप चाबी के गुच्छे या आदि चीजों को ना बांधें।6 माह से अधिक समय हो जाने पर इसे बदल लेना चाहिए।अगर ये गंदा हो जाए तो इसे तुरंत बदल लें।अगर कोई महिला इसे धारण करती है, तो वो मासिक धर्म के बाद इसे बदलें।
जनेऊ धारण करने के लाभ -जनेऊ को धारण करने से कई तरह के लाभ जुड़े हुए हैं और इसको लेकर कई रिसर्च भी की गई हैं। जिनमें जनेऊ को सेहत के लिए उत्तम माना गया है। जनेऊ धारण करने से शरीर को क्या लाभ मिलते हैं, उसकी जानकारी इस प्रकार है-
पेट रहता है साफ
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जनेऊ को कान के ऊपर कसकर लपेटने का नियम हिंदू धर्म में है। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा करने से कान के पास से गुजरने वाली नसों पर दबाव पड़ता है। जो कि आंतों से जुड़ी होती है। लंदन के क्वीन एलिजाबेथ विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के डॉक्टर एस. आर सक्सेना के अनुसार नसों में दबाव पड़ने से पेट सही रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है। पेट भी हमेशा साफ रहता है। दअसल मूत्र विसर्जन के समय दाएं कान पर जनेऊ लपेटा जाता है। ताकि ये गंदा ना हो और ऐसा करने से नसों में दबाव पड़ता है।
दिल रहता है सेहतमंद
जनेऊ से जुड़ी एक रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग जनेऊ को धारण करते हैं । उनका दिल सेहतमंद बना रहता है और उन्हें ब्लडप्रेशर होने का खतरा भी कम रहता है।
सही से होता है खून संचारजनेऊ शरीर में खून के प्रवाह को भी कंट्रोल करने में सहायक साबित होता है और खून का संचार शरीर में सही से होता है।
याद्दाश्त रहती है सहीकान पर हर रोज जनेऊ रखने से स्मरण शक्ति अच्छी बनीं रहती है और इसमें इजाफा होता है। माना जाता है कि कान पर दबाव पड़ने से दिमाग की वो नसें एक्टिव हो जाती हैं, जो याद्दाश्त जुड़ी होती हैं।
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कान में जनेऊ को लपेटने से सूर्य नाड़ी का जाग्रण हो जाता है और शरीर सेहतमंद बना रहता है।