पटना। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए आज पहले चरण का मतदान जारी है. बिहार विधानसभा चुनाव भारत में कोराना महामारी के बीच पहला चुनाव है. पहले चरण के मतदान में बिहार के 16 ज़िलों की कुल 71 सीटों पर वोटिंग हो रही है. एनडीए की तरफ़ से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 35 सीट, बीजेपी 29, जीतन राम मांझी की हम-एस छह और मुकेश सहनी की वीआईपी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं आरजेडी 42, कांग्रेस 21 और सीपीआईएमएल आठ सीटों पर मैदान में है. पहले चरण में लोक जनशक्ति पार्टी 41 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने पहले चरण में जेडीयू के सभी 35 उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. इस बार लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए से बाहर है. चिराग़ पासवान नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ वोट देने की अपील कर रहे हैं. पहले चरण के मतदान में 2.14 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमें से कई ज़िले माओवादी अतिवाद से ग्रसित रहे हैं. दूसरे चरण का मतदान तीन और आख़िरी चरण का मतदान सात नवंबर को है. बिहार के चुनावी नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. प्रमुख उम्मीदवार पहले चरण के चुनाव में गया टाउन विधानसभा सीट पर सबसे ज़्यादा 27 उम्मीदवार किस्मत आज़मा रहे हैं जबकि बांका ज़िले के कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम पाँच उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण के चुनाव में कई प्रमुख नेता मैदान में हैं. जमुई से राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाज़ी में गोल्ड मेडल जीतने वाली 27 साल की श्रेयसी सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. जमुई लोकसभा क्षेत्र से चिराग़ पासवान सांसद हैं और उन्होंने श्रेयसी सिंह का समर्थन किया है. श्रेयसी को आरजेडी के विजय प्रकाश यादव टक्कर दे रहे हैं. विजय प्रकाश यादव जमुई से 2015 में विधायक चुने गए थे. विजय प्रकाश यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव के भाई हैं. जयप्रकाश यादव की बेटी दिव्या प्रकाश भी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा गया टाउन से बीजेपी के प्रेम कुमार, विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से, बाँका से रामनारायण मंडल, जहानाबाद से कृष्णानंदन प्रसाद सिन्हा, दिनारा से जयकुमार सिंह और राजपुर से संतोष कुमार निराला चुनावी मैदान में हैं. इमामगंज से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मैदान में हैं और उन्हें आरजेडी से उदय नारायण चौधरी टक्कर दे रहे हैं. उदय नारायण चौधरी जेडीयू से आरजेडी में आए हैं. मुक़ाबला बिहार चुनाव में इस बार मुख्य मुक़ाबला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और तेजस्वी के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच है. नीतीश कुमार लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए जनादेश मांग रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी के नेतृत्व वाले गठबंधन में कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां हैं. इस गठबंधन ने बिहार चुनाव में बेरोज़गारी और कोरोना महामारी की शुरुआत में लगे लॉकडाउन से उपजे हालात को चुनावी मुद्दा बनाया है. तेजस्वी यादव विपक्ष के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं और उन्होंने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. दूसरी तरफ़ नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और उनके ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी लहर की बात भी कही जा रही है. नीतीश कुमार चुनावी सभाओं में कह रहे हैं कि उनकी हार से बिहार में कथित 'जंगल राज' की वापसी हो जाएगी. नीतीश से पहले बिहार में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी के शासनकाल को मीडिया के एक धड़े में और विपक्षी पार्टियों के बीच 'जंगल राज' कहा जाता था. दूसरी ओर 30 साल के तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को रोज़गार और शिक्षा को मुद्दे पर जमकर घेरा है. -BBC