हम इस बात को मानते हैं कि पहली बार पैरेंट बनने पर जहां आपके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां आती हैं, तो वहीं इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर भी दिखने लगता है। हालांकि, हो सकता है कि इस दरमियान आप और आपका साथी थोड़ा भावनात्मक महसूस कर रहे हों, लेकिन अगर आप दोनों चाहें तो पहले से चीजों के बारे में बात करके फर्स्ट प्रेग्नेंसी के अनमोल पलों को जी सकते हैं। जी हां, फैमिली प्लानिंग शुरू करने से लेकर अपनी लाइफस्टाइल बदलने तक आपको अपनी कई तरह के बदलावों से गुजरना होगा।
सबसे पहले बात करें अधिकतर देखा गया है कि पहले से कोई तैयारी या प्लानिंग न करने की वजह से फर्स्ट प्रेग्नेंसी के दौरान कपल्स के बीच चीजों को मैनेज करने को लेकर तनाव बढ़ने लगता है। ऐसे में पति-पत्नी दोनों के लिए ही सबसे जरूरी है कि वह आराम से बैठकर चीजों के बारे में बात करें। यही नहीं, पहले महीने से ही पति की जिम्मेदारियों में शामिल हो जाता है कि गर्भवती पत्नी की दवाइयां, रूटीन चेकअप से लेकर उसका खास ख्याल रखना। जिम्मेदारियों को समझें अगर आप दोनों ही वर्किंग हैं तो यह आपके लिए थोड़ा मुश्किल भरा समय हो सकता है क्योंकि अब आपकी पत्नी को एक्स्ट्रा प्यार के साथ केयर की भी जरूरत पड़ने वाली है। पहले भले ही आपका ऑफिस से आने जाने का टाइम अभी तक फिक्स न हो, लेकिन इस दौरान आपको सबसे पहले चीजों को करने का एक टाइम टेबल बनना होगा, जिसमें पत्नी को घुमाने से लेकर उसकी मनपसंद चीजों तक को बनाने का समय शामिल हो। यही नहीं, इस दौरान हो सकता है कि घर की जिम्मेदारियों का प्रेशर थोड़ा बढ़ जाए लेकिन आप दोनों चाहें तो उसके लिए भी कुछ प्लानिंग कर सकते हैं।
रिलेशनशिप को बेहतर बनाती है गर्भावस्था गर्भावस्था रिश्तों को पोषित करने का एक अच्छा समय है, क्योंकि आपकी पत्नी इन दिनों भावनात्मक और शारीरिक बदलावों से गुज़र रही होती है और इसके चलते उसका मूड जरा-जरा सी बातों पर बिगड़ने लगता है या अन्य कोई दूसरी परेशानियां होने लगती हैं। इस बीच आप अगर प्रेग्नेंट पत्नी को समय देते हैं और उसकी केयर करते हैं तो आप दोनों के रिश्ते में मिठास घुलती है। इन पलों में अपने बढ़ते परिवार के लिए अपनी इच्छाओं और सपनों के बारे में भी बात करें। यही नहीं, पेरेंटिंग लाइफस्टाइल को भी डिस्कस करें। ऐसा करने से आप दोनों का रिलेशन पहले से बहुत अधिक मजबूत होगा।