कैसे लगाये पता की बच्चे को फूड एलर्जी है या नहीं

बच्चे (Child) हर चीज के प्रति संवेदनशील होते हैं, यहां तक कि खाने को लेकर भी. खाने से एलर्जी (Allergy) का मतलब है कि किसी खाद्य पदार्थ (food Ingredient) को खाने से इम्यून सिस्टम (Immune System) का अस्वाभाविक रूप से प्रतिक्रिया देना. कोई भी चीज खाने के बाद असहज महसूस होना एलर्जी (Allergy) है.बच्चों में यह एलर्जी खाना खाने के तुरंत बाद दिखने लगती है और इसका असर अलग-अलग हो सकता है. बहुत-सी चीजें हैं जो कि बच्चों में फूड एलर्जी जैसी लग सकती है, इसलिए माता-पिता के लिए इनमें अंतर करना जरूरी है.

इस कारण होती है फूड एलर्जी वास्तव में एलर्जी की मुख्य वजह है कि कभी-कभी इम्यून सिस्टम खाने में मौजूद प्रोटीन को खतरा समझने लगता है और उस पर प्रतिक्रिया करता है. इससे शरीर में कई तरह के केमिकल बनने लगते हैं और ये ही एलर्जी के लक्षण पैदा करते हैं.
इन खाद्य पदार्थों से ज्यादा परेशानी
बच्चों में ज्यादातर फूड एलर्जी गाय का दूध, अंडे, मूंगफली, गेहूं, सोया, नट्स जैसे काजू और अखरोट, तिल, मछली, शैलफिश आदि से होती है.
फूड एलर्जी के ये हैं लक्षण
फूड एलर्जी होने पर बच्चों में पाचन संबंधी समस्या दिखने लगती है. यही नहीं फूड एलर्जी त्वचा, हृदय और श्वसन तंत्र पर भी असर डाल सकती है. खाने से एलर्जी होने पर कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे उल्टी आना, पेट में दर्द होना, सांस फूलना, बार-बार खांसी, नाक में अधिक बलगम, गले में अकड़न, होंठ, जीभ और चेहरे पर सूजन, चक्कर आना, त्वचा का रंग नीला या पीला पड़ना आदि शामिल हैं.
ऐसे होगी एलर्जी की जांच
खाने के बाद बच्चे में अक्सर लक्षण दिखने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. वे बच्चों में लक्षणों की जांच-पड़ताल करेंगे. जानेंगे कि रिएक्शन कितनी बार होता है. कुछ ऐसा खाने के बाद और लक्षणों की शुरुआत के बीच का समय भी देखेंगे. डॉक्टरों का मानना है कि भोजन से एलर्जी की समस्या कुछ लोगों में जीन में भी हो सकती है जो वे अपने माता-पिता से पाते हैं. डॉक्टर स्किन टेस्ट, ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं. उन्हें इस प्रक्रिया में जिस भोजन पर संदेह होता है वे उसे बच्चे को एक या दो सप्ताह के लिए खिलाने से मना कर देते हैं.
ऐसे होता है इलाज
फूड एलर्जी से बच्चों को बचाने का एकमात्र तरीका है कि उसे उस खाद्य पदार्थ से दूर रखें जो एलर्जी करते हैं. फूड एलर्जी के लिए कोई दवा नहीं है जो इसे रोक सके. आमतौर पर, डॉक्टर लक्षणों का इलाज करने के लिए एंटीहिस्टामिन दवाएं रिकमेंड करते हैं. कभी-कभी डॉक्टर एक इमर्जेंसी किट भी लिख सकते हैं, जिसमें एपिनेफ्रीन होता है.नमक का पानी, शहद, सेब का सिरका आदि कुछ उपाय हैं, जिनसे एलर्जी से बचने में मदद मिल सकती है.

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