आलू की तीन नई अधिक उत्पादन देने वाली किस्में

आलू की तीनों किस्मों को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के शाक-भाजी शोध केंद्र ने केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला के साथ मिलकर विकसित किया है। कुफरी नीलकंठ इस किस्म की खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ में 15 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच कर सकते है। यह पछेती झुलसा के प्रति सहनशील है। इसके आलू का वजन 60 से 80 ग्राम गोल आकार में, छिलका हल्का बैंगनी और गूदा क्रीमी सफेद रंग का होता है।

इसके आलू का रंग सफेद क्रीम होता है। यह 90 से 100 दिन में पककर तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 300 से 350 क्विंटल उपज मिल जाती है। बीज खरीदने के लिए जानकारी अगर किसान इन किस्मों की बुवाई करना चाहते हैं, तो चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के शाक-भाजी शोध केंद्र या केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा अपने क्षेत्र की निजी खाद बीज कंपनी से बातचीत कर सकते हैं।

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