एक स्वस्थ शरीर और सही फिटनेस के लिए सामान्य गाइड
* दिन की शुरूआत डिटॉक्स ड्रिंक जैसे- खीरा, अदरक, पुदीना को पानी में भिगोएं। आंवला और चिया सीड्स का पानी पी सकते हैं। जीरा/अजवाइन/मेथी/दालचीनी को कुछ देर पानी में उबालें। इसे काढ़े की तरह पी जाएं। यह आपके मेटबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करेगी। इसके बाद कुछ भीगे हुए सूखे मेवे बादाम, अखरोट, सूखी खुबानी, काली किशमिश भी खाएं।
* डिटॉक्स बूस्टर पीने के बाद हलकी स्ट्रेचिंग, योग, प्राणायाम करें। यह सभी आयु के लोगों को करना चाहिए। रोज़ाना 30 मिनट की वॉक या एक्सरसाइज़ से सेहत को फायदा होगा लेकिन 1 घंटे के व्यायाम से वजन कम हो सकेगा।
* खाने को कभी न छोड़ें। बीच में लंबा अंतराल न दें। बड़ी अंतराल लेती हैं तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और अगले भोजन के लिए खाने का सेवन ज्यादा होता है, जो वजन बढ़ाता है। छोटे और लगातार भोजन पैटर्न का पालन करने की कोशिश करें।
* स्टार्ची फूड, शुगर वाले फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें। कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से दूर रहें, जो खाली कैलरी के स्त्रोत हैं और वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जंक फूड, डीप फ्राइड और फैटी खाद्य पदार्थों से बचें, जो एसिडिटी और हार्टबर्न को ट्रिगर करते हैं। पोर्शन साइज देखकर ही खाएं।
* पानी शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। बहुत सारे तरल पदार्थ वजन घटाते हैं इसलिए हाइड्रेटेड रहें।
* कैलरी पर ध्यान न दें। फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। 20-30 की उम्र में स्टैमिना बहुत अच्छा होता है। इस समय हाई इंटैसिटी वर्कआउट करें। वहीं 40-50 की उम्र में मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं और चोट लगने की संभावना ज्यादा रहती है तो वॉक करें और शरीर को आराम भी दें।
व्रत वाला उपमा
सामग्री
1 बड़ा कप भिगोए हुए सामक राइस, 1 इंच दालचीनी का टुकड़ा, 1/2 कप गाजर, 1-2 इलायची, कुछ लौंग, 1/2 कप बारीक कटी फ्रेंच बीन्स, 2 लौंग का पाउडर, 1/2 कप मटर, 1/2 कप टमाटर, 1/2 टीस्पून हल्दी पाउडर, 2 बारीक कटी हरी मिर्च, 1/2 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर, 1 इंच अदरक, 1 टीस्पून जीरा, जरूरत भर तेल या घी, स्वादानुसार सेंधा नमक, 1 तेजपत्ता, गार्निशिंग के लिए कुछ मूंगफली
विधि
प्रेशर कुकर में तेल डालें। इसमें एक-एक कर मसाले डालें। फिर पाउडर मसाले डालें। फिर सारी सामग्री डालें। जो सीटी लगाएं। उपमा को बोल में निकालें। गार्निश कर गर्मागर्म सर्व करें।
टिप्स
यह डिश डायबिटीज कंट्रोल, सीबीडी के रिस्क को कम करती है।