यह सच है कि भोजन हमारे शरीर को ऊर्जा देता है। यदि हम पौष्टिक और संतुलित भोजन खाते हैं तो हमें ऊर्जा के साथ काम करने की स्फूर्ति भी मिलती है। असंतुलित और अधिक मसालेदार गरिष्ठ भोजन शरीर को ऊर्जा तो दे देता है पर उसके साथ-साथ आलस्य भी देता है।
इससे यह सिद्ध होता है कि हमें सही वक्त पर सही भोजन का सेवन करना चाहिए ताकि हमारा शरीर स्फूर्तिमय और तंदुरूस्त रहे। आइए देखें किन अवसरों पर हम कैसा भोजन लें ताकि हमें उसे लेने के बाद पछताना न पड़े।
यात्रा पर जाते समय:- यात्रा पर जाते समय हल्का भोजन लें। हो सके तो लंबे सफर पर जाने के लिए घर से बना साफ सुथरा भोजन ले कर चलें ताकि बाजारी भोजन लेने से यात्र का मजा किरकिरा न हो। यात्र के दौरान या बाहर किसी स्टेशन पर अल्कोहल न लें, न ही अधिक कॉफी, चाय और तले हुए भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
बाहर यात्रा पर जाते समय पानी अधिक पिएं। घर से पानी जितना आसानी से ले जा सकें, ले जाएं। आवश्यकता पडऩे पर सीलबंद मिनरल वाटर ही लें। हवाई यात्र के दौरान आप अधिक ऊंचाई पर होते हैं। वहां पर वायु का दबाव कम होता है। ऐसे में पानी अधिक पिएं और कम नमक वाले खाद्य पदार्थ लें।
व्यायाम करने से पहले और बाद में:- व्यायाम करने से एक डेढ़ घंटे पहले तैलीय भोजन न लें। यदि आप प्रात: व्यायाम कर रहे हैं तो नींबू पानी और मौसमी फल ले सकते हैं पर ध्यान दें कि एकदम फल खा कर भी व्यायाम न करें। इसमें भी एक घंटे का अंतराल रखें तो अच्छा है। चाहें तो चाय और दो बिस्किट भी ले सकते हैं परन्तु समय के अंतराल का ध्यान अवश्य रखें। व्यायाम करने के बीच यदि आपको प्यास लगती है तो आप सादा पानी ले सकते हैं ताकि शरीर से पसीने के रूप में निकले पानी की कमी पूरी होती रह सके। व्यायाम से पहले 15० से 3०० कैलोरी कार्बोहाइडेऊट आहार एक घंटे पूर्व ले सकते हैं।
व्यायाम के एक घंटे के बाद ही कुछ खाने को लें। व्यायाम के बाद शरीर में ग्लाइकोजन' का निर्माण करने वाले एंजाइम काफी सक्रि य होते हैं। इसलिए व्यायाम के बाद भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्र अधिक लेनी चाहिए ताकि शरीर चुस्ती और स्फूर्ति महसूस कर सके।
मासिक धर्म के दिनों में:- मासिक धर्म के दिनों में शरीर को अधिक लौह तत्व, कैल्शियम और मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। ऐसे में अंडा, दालें, सेब, हरी सब्जियां, दूध से बने खाद्य पदार्थ व कम वसा वाले सलाद आदि अधिक मात्र में लें। पानी भी पर्याप्त मात्र में पिएं।
सर्दी-जुकाम के समय:- सर्दी-जुकाम होने पर तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि शरीर से जुकाम के रूप में काफी पानी निकल जाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए तरल द्रव्यों को लेना आवश्यक हो जाता है। तरल द्रव्यों के अधिक सेवन से सांस लेने वाली नलिका नम रहती है। इस नमी के कारण अधिक जीवाणु पनप पाते हैं। जुकाम में विटामिन सी' काफी मदद करता है। इसलिए साइट्रस फ्रूट और जूस का सेवन अधिक करें जैसे संतरा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी आदि।
जुकाम के दिनों में भोज्य पदार्थों में लहसुन का प्रयोग अधिक करना चाहिए क्योंकि लहसुन में बैक्टीरिया रोधी गुण होते हैं। सर्दियों में ताजी हरी सब्जियों के सूप लें। जूस दिन में ले सकते हैं। अधिक मसालेदार भोजन इन दिनों गले में अधिक खराश करता है।
तनावग्रस्त होने पर:- जीवन में तनाव तो हर किसी को होता है। बस ध्यान दें कि तनाव अधिक समय तक आपके साथ न रहे। थोड़े समय रहने वाला तनाव मन को अधिक अशांत नहीं करता। समय के साथ सब ठीक होता चला जाता है।
तनावग्रस्त होने पर भोजन में कार्बोहाइडेऊट्स की मात्र अधिक लेनी चाहिए जैसे दालें, चावल, आलू, ब्रेड, मीठे खाद्य पदार्थ आदि पर तनाव अधिक समय तक रहे तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। तनावग्रस्त रहने पर शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अच्छी तरह काम नहीं करता है। ऐसे में विटामिन सी' का अधिक सेवन भी आपकी मदद करता है जिससे भावनात्मक तनाव कम होता है।
कील-मुंहासों से बचने के लिए:- त्वचा को सुन्दर और कांतिमय बनाने के लिए पौष्टिक भोजन का सेवन करना अति आवश्यक होता है। गरिष्ठ और तैलीय भोजन के सेवन से बचें, साथ ही साथ फास्ट फूड' भी कील मुंहासों को बढ़ावा देते हैं। इसके अति सेवन से भी बच कर रहें। अपने पौष्टिक भोजन में उचित विटामिन्स की मात्र और जिंकयुक्त भोजन ही लें और पानी खूब पिएं। अपने प्रतिदिन के भोजन में गाजर, टमाटर, दालें, आलू, सेब, संतरे, मूंगफली का समावेश करें।
अपचन होने की अवस्था में:- जब भोजन को पचाने में मुश्किल हो रही हो तो ऐसे में पानी का सेवन अधिक से अधिक करें। अपचन होने पर कार्बोहाइडेऊटस का सेवन न करें, न ही साइट्रस जूस आदि लें। इनके सेवन से पेट में गैस अधिक बनती है और खट्टी डकार के साथ जी मिचलाता है।
ऐसे में अल्कोहल, बीयर, कॉफी, चाय व सोडा भी नुकसान पहुंचाते हैं। पेट में ंगैस बनने पर दस्त आदि की शिकायत हो तो दही, केला, उबले चावल, सेब का ही सेवन करें क्योंकि ये पचने में सरल होते हैं। जी मिचलाने पर पिसा अदरक चाय में डालकर लें तो आराम मिलेगा।
सोने से पहले:- सोने से पहले खाना कम से कम दो घंटे पहले लें। भोजन बहुत साधारण और हल्का लें। रात्रि में अधिक पेट भर खाना न खाएं, न ही भारी भोजन खाएं नहीं तो रात्रि में सोते समय मुश्किल होगी। सोने से पहले 1 गिलास पानी में 1 चम्मच शहद लेने से नींद अच्छी आती है।
कई लोग सोने से पूर्व गर्म दूध का सेवन करते हैं। यह भी अच्छी नींद लाने में सहायक होता है। ध्यान रखें दूध और रात्रि के भोजन में दो घंटे का अन्तर कम से कम अवश्य होना चाहिए ताकि भोजन पचने की प्रक्रि या शुरू हो सके।
- नीतू गुप्ता