Covid-19 and Flu: कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षणों में क्या अंतर है, कैसे पता चलेगा कि किसी को कोरोना हुआ है?

गर्मियों का मौसम खत्म हो रहा है सर्दियों का शुरू हो रहा है। इस मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार आदि का ज्यादा खतरा होता है। इसका कारण यह है कि बदलते मौसम में इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने लगता है, जिससे शरीर आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाता है।

जाहिर है फ्लू और कोल्ड के लक्षण कोरोना वायरस के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं, इसलिए लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि कौन-कौन से लक्षणों को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। जाहिर है अगर कोई कोरोना के लक्षणों को समझने में नाकाम रहे जाएगा तो वो कई लोगों में इस वायरस का प्रसार कर सकता है।
अगर आप भी इस सवाल को लेकर कंफ्यूज हैं कि कोरोना वायरस और सर्दी-फ्लू के लक्षणों में क्या अंतर है, तो हम आपको इसका जवाब दे रहे हैं ताकि आपको आपको समय रहते बीमारी से निपटने में मदद मिल सके।
कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षण में अंतर
आमतौर पर फ्लू के लक्षण ठंड से बहुत बदतर होते हैं। ठंड के केवल चार वायरस हो सकते हैं, जबकि ऐसे सैकड़ों रोगजनक हैं जो आपके साइनस की सूजन को भड़का सकते हैं और फ्लू का कारण बन सकते हैं।
फ्लू के सामान्य लक्षण
सामान्य फ्लू के लक्षणों में से कम से कम दो का अनुभव करना आवश्यक है। इनमें बहती नाक, छींक आना, कान का संक्रमण, दस्त, उल्टी, गले में खराश, बंद नाक और सिर दर्द शामिल हैं।
सबसे खराब मामलों में मौसमी इन्फ्लूएंजा फ्लू गंभीर शरीर दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और बुखार का कारण बन सकता है। इसका एक हल्का रूप रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस और राइनोवायरस है।
यदि फ्लू और भी बदतर हो जाता है, तो यह निमोनिया का कारण बन सकता है जोकि कोरोना वायरस संक्रमण का भी संकेत है। निमोनिया के कुछ संकेतों में रेजी से सांस लेना, सांस लेने में तकलीफ और कुछ मामलों में पीठ या सीने में दर्द भी है।
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस के लक्षण भी फ्लू के जैसे ही हैं। इस वायरस के सामान्य संकेत और लक्षणों में सांस संबंधी समस्याएं जैसे सांस में कमी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी, नाक बहना आदि शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सेवेर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेलियर यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
कैसे पता चलेगा कि आपको फ्लू है या कोरोना वायरस?
फ्लू और कोविड-19 गंभीर श्वसन रोग हैं लेकिन एक अलग वायरस के कारण होते हैं। फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जबकि एक कोरोना कोविड-19 का कारण बनता है।
दोनों वायरस अत्यधिक संक्रामक हैं और खांसी और छींकने के माध्यम से छोटे श्वसन बूंदों द्वारा फैलते हैं। कोरोना हल्के श्वसन रोग से लेकर गंभीर श्वसन रोग तक होता है।
कोविड एक वायरल संक्रमण है, लेकिन फ्लू बैक्टीरिया या वायरल दोनों हो सकता है। सात प्रकार के कोरोना सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारी तक कई बीमारियों का कारण बनते हैं।
भारत में कोविड-19 मामले 77 लाख पार
भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 77,61,312 हो गए। साथ ही देश में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 69 लाख के पार हो गई है। इस महामारी में मरने वालों की संख्या 1,17,306 हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 7 लाख से नीचे है।
देश में कोविड-19 के 6,95,509 इलाजरत मरीज हैं, जो कुल मामलों का 8.96 प्रतिशत है। देश में कुल 69,48,497 लोगों ने अब तक इस बीमारी से निजात पाई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर अब 89.53 प्रतिशत तक हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.51 प्रतिशत है।

अन्य समाचार