समस्तीपुर। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद की प्रेरणा से 1919 ई. में स्थापित बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन ने क्षेत्र के चर्चित कवि हरिनारायण सिंह हरि को पंडित छविनाथ पांडेय सम्मान से सम्मानित किया है। सोमवार को पटना के कदमकुआं स्थित सम्मेलन भवन में आयोजित समारोह में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने हरि को अंगवस्त्र और प्रशस्ति प्रत्र प्रदान किया। उनको यह सम्मान सम्मेलन के 101 वें स्थापना दिवस पर मूल्यवान हिदी सेवा के लिए प्रदान किया गया है। गौरतलब हो कि हरिनारायण सिंह हरि हिदी और बज्जिका में निरंतर लेखन कर समकालीन परि²श्यों, कर्तव्य की लापरवाहियों, व्यवस्थात्मक विकृतियों, गिर रहे मानवीय मूल्यों और समाप्त हो रही संवदेनाओं को अपनी रचनाओं में रेखांकित करने का उल्लेखनीय कार्य किया है। उनकी रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी दरभंगा और पटना और दूरदर्शन पटना और मुजफ्फरपुर से भी होता रहा है। उनकी प्रकाशित कृतियों में-'रक्तबीज', 'यथार्थ के धरातल पर', चक्रव्यूह', 'मन नहीं थिर आजकल', 'हुआ कठिन अब सच-सच लिखना', 'समय के थपेड़े', 'आज का यक्ष प्रश्न' और बज्जिका प्रबंध काव्य 'कर्ण' प्रमुख हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूर्व रेल राजभाषा पदाधिकारी द्वारिका राय सुबोध, गीतकार ईश्वर करूण, बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, रवीन्द्र राकेश, ज्वाला सांध्यपुष्प, दुखित महतो, अश्विनी कुमार आलोक, शरदेंदु शरद, आचार्य लक्ष्मीदास, अब्दुल मोबीन, इंतखाब आलम, अर्जुन प्रभात, मुरारी प्रसाद शर्मा, रामजी साह, सुधीर कुमार,अभिनीत सिंह, प्रो शशिकांत कुमार यादव, संजीव प्रभाकर आदि ने बधाई दी है।
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