आज का दौर Mobile phones और कम्प्यूटर्स का है. Mobile फ़ोन्स बिना तो जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती. मोबाइल फ़ोन्स पर हमारी निर्भरता इतनी बढ़ चुकी है.
कहा जाता है कि फोन और computers का ज्यादा उपयोग हानिकारक हो सकता है. जब तक इसका limit में Use किया जाए तब तक यह काफी अच्छा है. लेकिन कुछ लोगों को इसकी लत लग जाती है.
कहा जाता है कि यह आंखों के लिए और उनकी सोशल लाइफ के लिए खतरनाक होता है. लेकिन हालिया रिसर्च में एक नया खुलासा हुआ है.
एक रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि स्मार्टफोन और कंप्यूटर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से युवा विशेषकर लड़कियों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृति का खतरा बढ़ सकता है.
अमेरिका की सैन डीएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के जीन त्वेंग ने ये कहा है. किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इन मुद्दों का बढ़ना बेहद खतरनाक है. त्वेंग ने कहा कई युवा बता रहे हैं कि वह संघर्ष कर रहे हैं और हमें इसे बहुत गंभीरता से लेना होगा.
बता दें कि रिसर्च करने वालों ने इस रिसर्च के लिए 5 lakh से ज्यादा युवाओं जिसमें लड़के लड़िकियां दोनों शामिल थे. का प्रश्वावली के माध्यम से डेटा प्राप्त किया. उन्होंने पाया कि वर्ष 2010 और 2015 के बीच 13 से 18 साल की लड़कियों की आत्महत्या की दर 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है
. इस सर्वेक्षण में सामने आया कि इनमें से ज्यादातर बच्चे फोन या कंप्यूटर के सहारे खाली समय काटते थे. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन 5 या उससे ज्यादा घंटे किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर बिताने वाले कुल बच्चों में से 46 प्रतिशत बच्चों ने आत्महत्या से जुड़े कम से कम एक काम को अंजाम दिया. यह रिसर्च क्लिनिकल साइकॉलजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुई है.