केले की गिनती चुनिंदा स्वादिष्ट और गुणकारी फलों में की जाती है। यह उन खास फलों में शामिल है, जो तुरंत पेट भरने का काम करते हैं। पेट खराब हो या फिर वजन घटाना हो, केला (Banana) आपकी मदद करेगा। इसमें फाइबर पाया जाता है, जो वजन घटाने और पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। केला रेसिस्टेंट स्टार्च (Resistant starch) से भरपूर होता है, जो फाइबर के रूप में कार्य करता है और पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम करता है। इसमें मैग्नीशियम भी पाया जाता है, जो टाइप-2 मधुमेह को रोकने का काम करता है। केला स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई रोगों के इलाज में काम आता है। हम आपको बता रहे हैं केले के फायदे ..
मुखपाक या छाले - गाय के दही के साथ कुछ दिनों तक केला खाने से छाले ठीक हो जाते हैं। दस्त, संग्रहणी व पेचिश में भी लाभ होता है। अम्ल-पित्त के इलाज में - जी मिचलाने व गले से पेट तक जलन होने की स्थिति में पके केले को मथकर उसमें देशी खंड व इलायची मिलाकर खाएं। नकसीर के इलाज में - केले के साथ मीठा दूध कुछ दिनों तक सेवन करने से नकसीर चलनी बंद हो जाती है। अतिसार के इलाज में - उबले हुए कच्चे केले की रोटी बनाकर खाने से दस्त बंधकर आने लगता है। प्रदर रोग के इलाज में - कच्चे केले का चूर्ण बनाकर उसमें समान भात्रा में गुड़ मिलाकर 10-10 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराने से प्रदर के रोग से मुक्ति मिल जाती है। श्वेत प्रदर - केला खाकर ऊपर से दूध में शहद मिलाकर पीना चाहिए। जल जाने पर - जले हुए स्थान पर केला पीसकर लगाना चाहिए। दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा व गंजापन - इससे मुक्त होने के लिए पके केले के गूदे को नींबू के रस में पीसकर मलहम बनाकर लेप करना चाहिए, लाभ अवश्य होगा। हृदय- शूल ठीक करने के लिए- केले 10 ग्राम शहद में भलाकर खाने से हृदय के दर्द से छुटकारा मिल जाता है। हाईबडप्रेशर के इलाज में - केला खाने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। टायफाइड में लाभ - टायफाइड के रोग में केला खाने से लाभ होगा। पेट में गैस - रात में केला खाने से गैस नहीं बनती है। गैस्ट्रिक अल्सर ठीक करने के लिए - केले व दूध का एक साथ सेवन करें इससे गैस्ट्रिक अल्सर कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।
हालांकि केले के फायदे तो काफी हैं लेकन ये बहुत अधिक नहीं खाने चाहिए, क्योंकि यह केला कब्ज भी करता है। मंदाग्नि गठिया और डायबिटीज के रोगी को केला नहीं खाना चाहिए।