जागरण संवाददाता, सुपौल: महाकाल ग्रुप पर पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस ऐसे लोगों की जांच-पड़ताल कर रही है। कथित तौर पर अपराध की दुनिया में सुपौल की धरती पर एक ऐसा ग्रुप फल-फूल रहा है, जिसका नाम तो महाकाल है लेकिन काम मारपीट, छिनतई सहित अन्य आपराधिक घटना को अंजाम देना है। अगर इस ग्रुप पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में समाज के लिए नासूर बन जाएगा। इस महाकाल ग्रुप के सदस्य नशा के आदी होते हैं और प्राय: शराब, गांजा, कफ सीरप, चरस, अफीम का सेवन करते हैं। ग्रूप के सदस्य अपने परिवार के बिगड़े होते हैं और हर के पास अपनी मोटरसाइकिल होती है, जिस पर महाकाल लिखा रहता है। महाकाल ग्रूप के सदस्यों की संख्या दो-चार नहीं बल्कि पचास-साठ के करीब है। मोटरसाइकिल का साइलेंसर खोल हुल्लड़बाजी करना और लोगों में दहशत फैलाना इस ग्रुप के आदतों में शुमार है। महाकाल ग्रुप के सदस्य एक ह्वाट्स एप ग्रुप बना रखा है। अगर किसी के साथ मारपीट करनी हो अथवा अन्य कोई घटना को अंजाम देना हो तो ह्वाट्स एप पर ग्रुप के सदस्यों को सूचना दे दी जाती है और देखते ही देखते पच्चीस-तीस की संख्या में ग्रूप के सदस्य निर्धारित जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं। इस ग्रूप के पांव सुपौल शहर में ही नहीं, बल्कि गांव तक फैले हुए हैं। ----------------------------------- हत्याकांड में आई संलिप्तता की बात
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जिला मुख्यालय में इसी माह घटी मनोज यादव की हत्या की घटना के बाद इस महाकाल ग्रूप पर पहली बार पुलिस की नजर पड़ी है। वैसे इस हत्याकांड में लगभग डेढ़ दर्जन को नामजद बनाया गया है और कई जेल भी जा चुके हैं लेकिन जिस निर्ममता के साथ मनोज की हत्या की गई थी उसे देख पुलिस के साथ-साथ आम लोगों को शक है कि इस हत्याकांड को अंजाम महाकाल ग्रुप के सदस्यों द्वारा ही दिया गया है। इतना ही नहीं इस हत्याकांड में जितने भी नामजद हैं उनमें से एक को महाकाल ग्रूप का मुखिया बताया जा रहा है। फिलहाल वह कानून की पकड़ से बाहर है। पुलिस उस मुखिया की तलाश में जोर-शोर से जुटी हुई है। माना जा रहा है कि अगर ग्रुप का मुखिया पुलिस पकड़ में आ जाता है तो मनोज हत्याकांड की कई ऐसी बातें सामने आ जाएगी जिससे जानने के लिए पुलिस हाथ-पैर मार रही है। मालूम हो कि 5 अक्टूबर की रात जिला मुख्यालय के ब्रह्मस्थान चौक के समीप खरैल पुनर्वास में सदर थाना क्षेत्र के बलवा गांव निवासी मनोज की जघन्य हत्या कर दी गई थी। दूसरे दिन पुलिस द्वारा उसके शव को बीच सडक पर से बरामद किया था। -------------------------------- किया जा रहा है प्रतिबंधित
महाकाल ग्रुप पर पुलिस की पैनी नजर है। महाकाल लिखे मोटरसाइकिल पर चढ़ने वाले हर लड़के को पुलिस पकड़ पूरी तरह जांच-पड़ताल कर रही है। इतना ही नहीं इस ग्रूप के कई सदस्यों को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 110 के तहत प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है। इतना ही नहीं पुलिस इस ग्रूप पर दूसरे तरह से भी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के डर से महाकाल ग्रुप के कई सदस्य फिलहाल भूमिगत हो गया है।
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