हिंदू सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार प्रमुख तीन देवता ब्रह्मा विष्णु महेश इनमें ब्रह्मा जी का प्रमुख कार्य इस पूरे संसार ब्रह्मांड को बनाना भगवान विष्णु जी का कार्य ब्रह्मा जी द्वारा बनाई गई सृष्टि को संचालित करना एवं उसका पोषण करना और भगवान शिव का प्रमुख कार्य है इस सृष्टि का विनाश करना इसका कह सकते हैं इस प्रकार हम किसी घर को बनाते हैं फिर उसको संचालित करते हैं और बाद में उसको नष्ट कर दे फिर से नया घर बनाते हैं उसी प्रकार का कार्य शक्तियां मिलकर करते हैं. ब्रह्मा जी ज्यादातर जिक्र शुरुआत के कुछ पुरुषों को उत्पन्न करने और कुछ इस प्रकार के निर्माण कार्य करने के लिए आता है जिससे यह सृष्टि उत्पन्न हो जाती है और फिर विकास की ओर बढ़ जाती है उसके बाद सबसे ज्यादा अगर महत्व दिया जाता है भगवान विष्णु को इसकी वजह है जब भी इस सृष्टि पर कोई खतरा आया है या फिर शक्ति का संतुलन गड़बड़ हुआ तब भगवान विष्णु अवतार लेकर सृष्टि में सामंजस्य स्थापित किया है अगर भगवान विष्णु के चित्रों को देखें तो जहां पर नाग पर लेटे हुए हैं वहीं पर गरुड़ उनके बाहन है जिन्हें परस्पर शत्रु माना जाता है इस प्रकार का संतुलन बनाने के कारण भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में जाना जाता है. अगर भगवान शिव को देखें तो वह वैराग्य सन्यास की ओर ले जाते जबकि इस संसार को चलाने के लिए संसार में कर्म बंधन में बंधकर कार्य करना जरूरी कभी सृष्टि का विकास हो सकता हैै इस सृष्टि को चलाने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण किस की आवश्यकता होती है वह भी भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में माता लक्ष्मी स्थित है क्योंकि बिना धन के लिए संसार नहीं चल सकता है भगवान विष्णु सिर्फ इस बात से ही प्रसन्न हो जाते हैं आप अपना कर्म करते रहे और अपने कर्तव्यों को निभाते चले जिससे यह सृष्टि चलती रहे.