मधेपुरा। बीएन मंडल विवि अंतर्गत टीपी व पीएस कॉलेज में नामांकन की अंतिम तिथि तक बीएड की मान्यता बहाल नहीं हो सकी। जिले के सरकारी कॉलेज में नामांकन के लिए टकटकी लगाए छात्रों को आखिकार निराशा हाथ लगी है। एनसीटीई के मापदंडों को पूरा करने में विफल टीपी व पीएस कॉलेज को बीएड सत्र 2020-21 में मान्यता अब तक नहीं मिली है। जबकि बीएड सीटीई एंट्रेंस टेस्ट क्वालीफाई स्टूडेंट्स सात अक्टूबर से ही इन कॉलेजों में नामांकन के लिए भटक रहे थे। बीएड कॉलेज चॉइस लिस्ट में इन दोनों कॉलेज का नाम जुड़ने का इंतजार छात्र नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर की देर शाम तक करते रहे और अंत में उन्हें निराशा हाथ लगी।
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टीपी व पीएस कॉलेज के बीएड विभाग में लग सकता है ताला एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट के बाद चॉइस लिस्ट से टीपी कॉलेज और पीएस कॉलेज का नाम गायब रहने पर यह सवाल उठ गया की सत्र 2020-21 से यहां बीएड की पढ़ाई नहीं होगी। अब यह तय हक गया कि पीएस व टीपी कॉलेज के बीएड विभाग में ताला लग सकता है। इससे सबसे अधिक नुकसान मधेपुरा/कोसी के गरीब छात्रों का होगा। बीएड पाठ्यक्रम रद हो जाने से स्टूडेंट्स तो बीएड करने से वंचित होंगे ही, साथ साथ टीचिग-नॉन टीचिग स्टाफ भी इस कोरोना काल व लॉकडाउन के इस विषम परिस्थितियों में बेरोजगार हो जाएंगे। बीएनएमयू अंतर्गत केवल 10 कॉलेजों में अब बीएड की पढ़ाई होगी। इसमें गैर सरकारी कॉलेज की संख्या आधा से अधिक है।
एक दूसरे का खोट निकालने में व्यस्त रही कॉलेज व विवि, नहीं मिली मान्यता कॉलेज व विश्वविद्यालय दोषारोपण कर एक दूसरे का खोट निकलने में व्यस्त रही और समय बीत गया। इस बीच कोसी के हजारों स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा से रहे महरूम रह गए। इससे पहले एनसीटीई भुवनेश्वर ने आरएम कॉलेज सहरसा से बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता को वापस ले लिया था।इससे विवि और कॉलेजों ने कोई सबक नहीं लिया। आर एम कॉलेज में बीएड की पढ़ाई बंद होने की वजह गर्ल्स हॉस्टल और नियम विरूद्ध की गई शिक्षक बहाली बनी।
पीएस कॉलेज में एनसीटीई के अनुसार दो शिक्षक बहाल नहीं इधर, पीएस कॉलेज के पक्ष में कहा गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण एनसीटीई भुवनेश्वर को समय पर जबाब नहीं भेजा गया। इस कारण लिस्ट में पीएस का नाम नहीं है। बताया जाता है कि पीएस कॉलेज में एनसीटीई के 2017 के रेगुलेशन के मुताबिक दो शिक्षक बहाल नहीं थे। इसको लेकर एनसीटीई भुवनेश्वर ने 28 जनवरी 2020 को शो-कॉज नोटिस भेज कर पीएस कॉलेज से 21 दिन के अंदर यानी कि 17 फरवरी 2020 से पहले जबाब मांग था। इसके बाद प्राचार्य ने बहाली निकल कर 2017 रेगुलेशन के अनुसार दो शिक्षक की बहाली की। 17 फरवरी को कॉलेज द्वारा बीएड विभाग में बहाल शिक्षकों के नामों की लिस्ट काउंटर हस्ताक्षर के लिए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को भेजा गया। लेकिन रजिस्ट्रार द्वारा उक्त लिस्ट पर चार मार्च को काउंटर हस्ताक्षर किया गया। जबकि किसी भी हालात में 17 फरवरी तक एनसीटीई के हेड क्वार्टर नई दिल्ली कार्यालय में शिक्षकों की लिस्ट पहुंचनी थी। समय पर शिक्षकों का फॉर्मेट नहीं पहुंचने के कारण एक मार्च की बैठक में एनसीटीई भुवनेश्वर ने पीएस कॉलेज से बीएड की मान्यता रद कर दी। यहां दो शिक्षकों के रेगुलेशन 2017 के अनुसार समय पर बहाल नहीं होना ही मुख्य कारण बना।
विवि व कॉलेजों को मिला समय पर मान्यता को लेकर नहीं थे सजग विवि के साथ साथ टीपी व पीएस कॉलेज को मान्यता के लिए काफी समय मिला। इसके बाद भी कॉलेज से बीएड पाठ्यक्रम का रद होना या चॉइस लिस्ट में इन दोनों कॉलेजों के नाम नहीं होना कई सवाल खड़ा करता है। बताया जाता है कि बीएनएमयू के अधीन संचालित कई कॉलेजों में शिक्षकों के चयन में नियम-परिनियम के साथ शिथिलता बरती गई है। शर्तो को नजरअंदाज कर करीबी लोगों को बहाल भी किया गया।
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