संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल): पिपराही गांव के वार्ड नंबर 8 में शुक्रवार को पंडित आचार्य रोशन कुमार झा द्वारा अधिक मास विशेष पर यजमान के यहां गोष्ठी में श्रद्धालुओं को नवरात्र पर्व की महत्ता बताते हुए कहा कि आत्म कल्याण हेतु इच्छुक श्रद्धालुओं को यह शारदीय नवरात्र व्रत अवश्य ही करना चाहिए। इस व्रत के लिए यथाशक्ति नियम रखने पर भी मानव का कल्याण होता है। कोई जरूरी नहीं है कि उपवास रखकर ही इस व्रत को कर सकते हैं। पूरे नवरात्र उपवास करने से असमर्थ लोग केवल 3 दिन का उपवास रखकर फल प्राप्त कर सकते हैं। भक्ति भाव से केवल सप्तमी, अष्टमी और नवमी इन तीन तिथियों में देवी की व्रत पूजन करने से सभी फल सुलभ ही प्राप्त हो जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति नवरात्र पर्यंत प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ है तो उसे अष्टमी तिथि को विशेष रूप से अवश्य पूजन करना चाहिए। प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंस करने वाली महा भयानक भगवती भद्रकाली करोड़ों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थी। श्रीमद् देवी भागवत में ऐसा विधान बताया गया है कि यह व्रत सदा धन्य, धान, सुख और संतान की वृद्धि करने वाला, आयु तथा आरोग्य प्रदान करने वाला, स्वर्ग तथा मोक्ष देने वाला व्रत है। श्रद्धालुओं को यथाशक्ति इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।
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