राजा महाराजाओं का दौर बीते हुए जमाना हो चुका है लेकिन उनके द्वारा बनाए गए महल और किले आज भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. गोलकोंडा का किला हैदाराबाद के सबसे महशूर पर्यटन स्थलों में से एक है. यह किला जहां अपनी वास्तुकला और दिलचस्प इतिहास के लिए जाना जाता है वहीं यह अपने में कई रहस्य भी समेटे हुए है.
गोलकोंडा का यह किला हुसैन सागर झील से लगभग नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसे बनाने की शुरुआत 13वीं शताब्दी में काकतिया राजवंश द्वारा की गई थी लेकिन यह पूरा हुआ 1600 के दशक में.
इस किले के निर्माण की शुरूआत कैसे हुई इसको लेकर एक कहानी मशहूर है. कहते हैं कि एक दिन एक चरवाहे लड़के को पहाड़ी पर एक मूर्ति मिली. तत्कालीन शासक काकतिया राजा को जब इस मूर्ति के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे पवित्र स्थान मानकर उसके चारों ओर मिट्टी का एक किला बनवा दिया. इसे ही आज गोलकोंडा का किले के नाम से जाना जाता है.
किले की खास बातें
किले के रहस्य
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