कैंसर की बीमारी से बचना है तो, खाना खाते समय रखें इन बातों का ध्यान

ऐसा कई बार होता हैं की खाना खाते समय हमारे गले में खाना अटक जाता हैं और कई बार इसको हम मामूली बात समझ कर हम छोड़ देते हैं कई बार हम पानी पी कर उसको निगाल देते हैं लेकिन इसका इग्नोरेंस स्वास्थ्य के बहुत ही ज्यादा हानिकारक हो सकता हैं कैसे आईये हम आपको बताते हैं|

ये सारे लक्ष्ण कार्सिनोमा ईसोफेगोस्टोम यानी ग्रासनली के कैंसर के हैं। यह जानकारी शुक्रवार को मुंबई से आए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. ने दी। वह केजीएमयू सर्जरी विभाग में हुए लेक्चर में मेडिकोज को यहाँ सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि भारत में पुरुषों में होने वाला चौथा कॉमन कैंसर हैं। वहीं महिलाओं में छठा है। नली में गांठ का हो जाना, तम्बाकू, ऐल्कॉहॉल लेने और बैलेंस डाइट के न लेने के कारण यह बिमारी होती है।
केजीएमयू के ने बताया कि पेट दर्द, भूख कम लगना, अनीमिया, कमजोरी होने पर विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए। ऐसे लक्षण द्वारा पैनक्रियाज का कैंसर होने की संभावना रहती है। बड़ी बीमारियों के होने का एक मुख्य कारण पीलिया भी होता है। पीलिया होने पर अल्ट्रासाउन्ड और खून की जांच करवाना चाहिए। वहीं सीटी स्कैन द्वारा कैंसर की पकड़ की जाती है। ड्रिकिंग, स्मोकिंग, पुश्तों या घर में यह बिमारी किसी को होने पर पैनक्रियाज कैंसर तेजी से पनपता है।
मेदान्ता अस्पताल के डॉ. ने बताया कि पेट के कैंसर की पुष्टि हो जाने पर सर्जरी कर प्रभावित भाग को निकालने के बाद मरीज को कीमोथेरपी दी जाती है। कीमोथेरपी देने के बावजूद भी 10 से 15 प्रतिशत मरीजों में दोबारा कैंसर होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि एचबी का कम होना, भूख न लगना, कमजोरी महीने में दस बार से अधिक पेट दर्द होना इस बिमारी का सबसे बड़ा कारण होता है।
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