नई दिल्ली : सोने के भाव में फिर से एक बार उछाल देखने को मिला. विदेशी बाजार के साथ-साथ घरेलू वायदा बाजार में भी मजबूती दर्ज की गई. सितंबर के दौरान यूरोपीय यूनियन में कमजोर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों की वजह से सोने-चांदी को सपोर्ट मिला है. सितंबर में यूरोपीय यूनियन का औद्योगिक उत्पादन 1 फीसदी से नीचे लुढ़ककर 0.7 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है. बाजार ने यूरोपीय यूनियन का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन का आंकड़ा 5.0 फीसदी था.
दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को भी सोने के दामें 600 रुपये से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. विशेषज्ञों का मानना है कि अभी खरीदारों और निवेशकों के पास खरीदारी का अच्छा मौका है, लेकिन अक्टूबर माह के अंत और नवंबर माह के दो सप्ताह तक सोने में त्योहारों के चलते तेजी आएगी. कुछ लोगों का मानना है कि नवंबर में सोना अगस्त के अपने सर्वोच्च दाम 56254 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव को पार करके 60 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर पहुंच सकता है.
साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें, तो सोना बुधवार को मामूली बढ़त के साथ 1,896 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड करता दिखाई दिया. वहीं, चांदी 24.16 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर ट्रेंड करती दिखी. एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) तपन पटेल ने बताया कि सोने की कीमतें मामूली तेजी के साथ ट्रेड करती दिखीं, लेकिन सप्ताह की शुरुआत से ही 1,900 डॉलर प्रति औंस से नीचे ट्रेड कर रही हैं.