सातवें वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को LTA और LTC पर अब तक इस साल में मिल चुकी है सौगात, छुट्टियों के बदले मिल रहा कैश!

केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने इस साल लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) और लीव ट्रैवल कनसेशन (एलटीसी) पर कई सहुलयितें दी हैं। LTA और LTC की सुविधा को और आसान बनाने और ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इससे जोड़ने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें सबसे पहला फैसला जून महीने में लिया गया था। इसके बाद अन्य दो फैसले अक्टूबर में ही लिए गए हैं। सरकार का कहना है कि इन फैसलों से कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा और समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।

सबसे पहले बात करत हैं जून में लिए गए फैसले की तो सरकार ने तय किया कि LTA के लिए आवेदन करते हुए उन्हें बोर्डिंग पास देने की जरूरत नहीं होगी। अभी तक बगैर बोर्डिंग पास के एलटीए क्लेम नहीं किया जा सकता था।
हालांकि कर्मचारियों को इसके बदले सेल्फ डिक्लयरेशन देना होगा। कर्मचारी सेल्फ डिक्लयरेशन LTA क्लेम के साथ दे सकते हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर (Department of Expenditure) ने यह जानकारी दी थी।
वहीं इसके बाद सरकार ने पूर्वोत्तर, लद्दाख, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और जम्मू-कश्मीर की यात्रा के लिए LTC की सुविधा दो साल के लिए बढ़ा दिया। कर्मचारियों को LTC के लिए सवेतन छुट्टियों के साथ-साथ आने-जाने के ट्रैवल अलाउंस का भुगतान किया जाएगा।
इन दो फैसलों के बाद सरकार ने कोरोना संकट के चलते इकॉनमी को पटरी पर लाने के लिए कर्मचारियों के लिए एलटीसी वाउचर स्कीम पेश की है। इसमें कर्मचारी छुट्टियों के बदले रेल या हवाई किराए के 3 गुना के बराबर वैल्यू का गुड्स या सर्विसेस खरीद सकते हैं। यानी की बिना किसी जगह की यात्रा किए आप टैक्स बचत का लाभ ले सकते हैं।
हालांकि इसके लिए आपको ऐसा सामान खरीदना होगा, जिस पर 12 फीसदी जीएसटी लगता हो। इनमें कार, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज और स्मार्टफोन शामिल हैं। बता दें कि केंद्रीय कर्मियों एलटीए के तहत घूमने जाएं तो उन्हें ट्रैवल अलाउंस पर क्लेम की सहुलियत मिलती है। कर्मचारी अपने परिवार के साथ या अकेले घूमने जा सकते हैं।

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