नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता हैं वही चार दिन के बाद यानी शनिवार को नवरात्रि आरंभ हो रही हैं 16 अक्टूबर तक मलमास रहेगा और 17 अक्टूबर से घटस्थापना के साथ मां दुर्गा के नौ दिनों की नवरात्रि का शुभारंग हो जाएगा।
हर वर्ष नवरात्रि के साथ एक नए जोश का आगाज होता हैं क्योंकि उसके बाद से एक के बाद एक पर्व आने लगते हैं वही शनिवार को नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण इस बार देवी मां घोड़े पर सवारी करते हुए पृथ्वी लोक पर आ रही हैं नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ इसकी शुरूवात हो जाती हैं नवरात्रि पर देवी दुर्गा के धरती पर आगमन का विशेष महत्व होता हैं देवीभागवत पुराण के मुताबिक नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होनी वाली घटनाओं का संकेत देता हैं।
वही नवरात्रि का त्योहार शुरू होते ही शुभ और मांगलिक कार्यों की भी शुरूआत हो जाएगी। मलमास में शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया हैं मलमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं मगर नवरात्रि आरंभ होते ही नई वस्तुओं की खरीद, मुंडन कार्य, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।
शादी विवाह देवउठनी एकादशी तिथि के बाद से ही शुरू होंगे। नवरात्रि में देरी के कारण इस बार दीपावली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हैं नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 23 मिनट से प्रात: 10 बजकर 12 मिनट तक हैं। घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त प्रात काल 11: 44 से 12: 29 तक रहेगा।