द वॉल स्ट्रीट जर्नल में 13 अक्टूबर को प्रकाशित Peter Loftus की रिपोर्ट Johnson & Johnson Pauses Covid-19 Vaccine Trials Due to Sick Subject के मुताबिक सोमवार को इस ट्रायल को रोकने की घोषणा से कंपनी के सभी क्लिनिकल ट्रायल प्रभावित हुए हैं, जिनमें सितंबर माह में शुरू हुआ तृतीय चरण का परीक्षण भी शामिल है, जिसका उद्देश्य यू.एस. और कई अन्य देशों में 60,000 से अधिक लोगों पर कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण करना है।
एज़ेडएन के ट्रायल में भी एक प्रतिभागी के बीमार होने के बाद यह परीक्षण रोक दिए गए थे।
इस खबर से समझा जा सकता है कि कोविड -19 वैक्सीन ट्रायल के खतरे क्या हैं और फार्मास्युटिकल कंपनियां क्यों राजनेताओं और सरकारों के दबाव के बावजूद इस ट्रायल में हड़बड़ी न दिखाकर इसको रोक रही हैं। साधारण समझ यह है कि वैक्सीन के ट्रायल में कोई भी हड़बड़ी बड़ी तादाद में लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलबाड़ कर सकती है और वैक्सीन को जल्दी लाने के लिए उतावले राजनेता तो ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेंगे लेकिन जिस कंपनी की वैक्सीन पर दाग लगेगा, उसका धंधा चौपट हो जाएगा।