थायरायड के लिए उपचार -
अश्वगंधा अश्वगंधा का कैप्सूल (500mg)
प्रयोग का तरीका : रोज अश्वगंधा का कैप्सूल खाएं।
कितनी बार करें प्रयोग? आप प्रतिदिन एक या दो कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
इस प्रकार है फायदेमंद - अश्वगंधा को एडापोजेनिक जड़ी-बूटियों की श्रेणी में रखा जाता है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी थायराइड हार्मोंस को संतुलित करने के लिए चमत्कारी तरीक से काम करती है। अक्सर, इसका इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए किया जाता है। साथ ही यह तनाव को कम करके शारीरिक क्षमता को बेहतर करने में भी सक्षम है। इन तमाम खूबियों के कारण ही थायराइड के इलाज में अश्वगंधा बेहरत विकल्प है। इसलिए, थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj) के तौर पर अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते हैं।
डायबिटीज के लिये उपचार - तुलसी की पत्तियों के इस्तेमाल से कंट्रोल करें डायबिटीज तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं. सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं. आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है