लखनऊ 12 अक्टूबर 2020: एक तरफ इस नवाबी शहर से फिराक गोरखपुरी की ग़ज़लों की गूंज रही थी तो मुम्बई में सम्मानित हो रहे भजन सम्राट अनूप जलोटा भी फिराक के अशआरों को अपने सुर दे रहे थे। देश-विदेश के विद्वान और कलप्रेमी आनलाइन जुड़े साहित्य, संस्कृति और संगीत के इस संगम का आनन्द ले रहे थे।
शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी पर केन्द्रित हिंदी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी के 28वां पांच दिवसीय साहित्यिक सम्मेलन के चौथे दिन प्रख्यात गायक अनूप जलोटा को कमेटी की ओर से बेगम अख़्तर अवार्ड से सुप्रसिद्ध गीतकार ए.एम.तुराब ने सम्मानित किया। अनूप जलोटा ने बेगम अख़्तर को याद करते हुए अवार्ड के लिए कमेटी को शुक्रिया कहा।
इस अवसर पर फिराक की चंद गजलों के अलावा राज इलाहाबादी की गजल- चांद अंगड़ाइयां ले रहा है चांदनी मुस्कराने लगी है... सुनाई तो फिराक को गजलगोई का बेहतरीन शायर बताया। गीतकार ए.एम.तुराब ने कमेटी का आभार व्यक्त करते कहा कि बेगम अख़्तर, फिराक गोरखपुरी दोनों महान फनकार रहे हैं। फिराक के जलसे में बेगम अख़्तर अवार्ड से अनूप जलोटा जैसे आज के सधे कलाकार को सम्मानित करना मेरे लिए गर्व की बात है।
प्रारम्भ कमेटी के महामंत्री अतहर नबी ने अतहर नबी से कलाकारों व अतिथियों का स्वागत करते हुए फिराक की शायरी के संग पहले बेगम अख़्तर की मखमली आवाज और उनसे जुड़ीं कई यादें ताजा की और कहा कि बेगम अख्तर की गाई गजलें बहुत मशहूर हुईं और खूब नाम कमाया लेकिन उनकी जिंदगी की कहानी बेहद दर्द भरी रही। अनूप जलोटा के बारे में उन्होंने कहा कि गायकी के साथ आजकल वे अपनी जिंदगी बन रही फिल्म को लेकर भी चर्चा में रहे हैं।
मशहूर शायर हसन काजमी के संचालन में गायकी की पहचान बन चुके मिथिलेश लखनवी ने फिराक की गजलों की शुरुआत- बहुत पहले से हम उन कदमों की आहट जान लेते हैं.. से की। दूसरी गजल- रात भी नींद भी कहानी भी, हाय क्या चीज है जवानी भी.. थी। महफिल में अपनी गायकी से मिथिलेश ने माहौल को संगीतमय बनाया और फिर- आने वाली नस्लें तुम पर रष्क करेंगी हमअसरों.., गजल के साज उठाओ बड़ी उदास है रात...,शाम भी थी धुंआ-धुंआ.. और शामे गम कुछ इस निगाहे नाज की बातें करों... जैसी गजलों से सुनने वालों को नवाजा। उनका साथ वाद्यों पर अनुभवी कलाकारों ने देते हुए कार्यक्रम को यादगार बना दिया।'
कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए आयोजित इस समारोह के अंतिम दिन कल लखनऊ से डा.अनीस अंसारी की अध्यक्षता में आनलाइन प्रसारित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी व मुशायरे में देश-विदेश के प्रख्यात शायर अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।