कनखजूरे को centipede या कर्णकीट भी कहा जाता है यह हमारे शरीर से बहुत बुरी तरह से चिपक जाता है और जो जो लोग ज़मीन पे सोते हैं वह उनके कान में भी अक्सर घुस जाता है, बता दे कि यदि किसी कनखजूरा काट लेता है तो उसका जहर शरीर में पहुंच जाता है जिससे इंसान को थकान होने लगती है. खून में ऑक्सीजन की प्रक्रिया को धीमी कर देता है जिससे कारण इंसान के पूरे शरीर में ऐंठन होने लगती है.
एक जीवविज्ञानी शोध के अनुसार कानखजूरा अगर चूहे को काट ले तो 30 सेकंड में उसकी मौत हो जाती है. इसके काटने से वैसे तो किसी इंसान की मृत्यु नहीं हुई है, पुरंतु इसके काटने के बाद तुरंत उपचार नहीं कराया जाए तो ये इंसान के लिए जानलेवा हो सकता है.
आइये जानते हैं की कनखजूरे से कैसे बचा जाए ?
अगर आपके यहाँ खाली जगह है तो कानखजूरे के प्राकृतिक शिकारी जैसे मेंढक और पक्षियों को आप अपने गार्डन में बढ़ावा दें: ये जानवर कनख़जूरों का शिकार करते हैं, वे उनकी संख्या को कम करने में मदद भी करते हैं और कानखजूरे को नियंत्रण में रख सकते हैं। उसके लिए आपको अपने बगीचे में पक्षियों और मेंढकों की सुविधाओं का प्रबंध करना पड़ेगा, जेसे खाद्ये स्त्रोतों कि द्वारा और जो पोधे उन्हें पसंद हैं आदि और साथ हे रहने का अवसर भी प्रदान करना पड़ेगा ।
आप अपने घर की के चारों तरफ़ उपयुक्त कीटनाशकों का छिड़काव करें: अपने घर की नींव से 2 फ़ीट (61 से. मी.) की दूरी पर छिड़काव करें।
मिट्टी या एरोसोल (aerosol) का प्रयोग भी करें जो घर के अंदर उपयोग के लिए अच्छा है: लकड़ी के फ़र्निचर , अलमारी के अंदर , बाथरूम और अन्य सभी छिपने के स्थानों पर इसका छिड़काव करें।
आप तिलचट्टे के जाल या तिलचट्टे के स्प्रे का प्रयोग करें: ये दोनों ही जीव कनखजूरे के खिलाफ बहुत प्रभावी होते हैं।
कोशिश करें की कनख़जूरों आपके घर में ना आ सके: अपने खिड़कियों की जाली में कोई छिद्र न हो, यदि कोई छिद्र हो तो तुरंत उसकी मरम्मत करें।दरवाजे की चौखट या खिड़कियों की चौखट को चेक करें अवम उन पर मौसम पट्टी (स्वयं चिपकने वाली) को लगाए।
खिड़कियों, दरवाजों तथा पाईपों के आसपास यदि कोई दरार है तो उसे बंद कर दें: अपनी नींव की दरारों और अंतराल में भी मसाला भरें या बंद कर दें।
घर के बरामदे में या खिड़कियों के आसपास के बल्ब सोडियम वाष्प वाले पीले रंग के प्रकाश बल्बों से बदलें। कनखजूरे (तथा अन्य कीड़े) रात के समय प्रज्वलित रोशनी कि ओर आकर्षित होते हैं।
पुदीना, तुलसी और निम्बू, अजवायन के फूल के रूप में जड़ी बूटियाँ कनख़जूरों तथा अन्य कीड़ों के प्रवेश को रोक सकते हैं।
अगर काट ले तो इसका घरेलु उपचार: